सीहोर। मध्यप्रदेश के सीहोर जिले में इन दिनों किसान अपनी टमाटर की फसल को सड़कों पर फेंक रहे हैं. यहां टमाटर के उचित दाम और ग्राहक नहीं मिलने से किसान मजबूरी में खेतों से सड़कों पर फेक रहे हैं. जिसके चलते सड़कें टमाटर से लाल नजर आ रही हैं.

नहीं मिल रहे वाजिब दाम
सीहोर के किसानों का कहना है कि उन्हें टमाटर की 22 किलोग्राम क्रेट के 40 रुपए मिल रहे हैं, जिससे लागत, बीज और कीटनाशक समेत अन्य खर्च तक नहीं निकल पा रहा. टमाटर के दाम नहीं मिलने पर किसान टमाटर फेंकने के लिए मजबूर हैं, ताकि ये पशुओं के तो काम आए. उनका कहना है कि हमें 1 कैरेट में लागत 90 रुपए पड़ती है, लेकिन बाजार में इसके बदले 40 से 50 रुपए भी मिल पाना मुश्किल है.

इसे भी पढ़ें- मानवता शर्मसार: हैवानियत की हदें पार, बच्ची हुई दादा के हवस का शिकार

बंपर हुई पैदावारी
वजह यह है कि जिले में टमाटर की बंपर पैदावार हुई है. लेकिन किसानों को वाजिब दाम न मिलने के कारण टमाटर अब सड़कों पर फेकें जा रहे हैं. लगातार दूसरे साल टमाटर की खेती किसानों के लिए घाटे का सौदा साबित हो रही है. बुधनी, बकतरा, आमोन, किब्लाझिर, जैत, बाड़ी, बरेली समेत कई अन्य गांवों में किसान टमाटर सड़क पर फेंक रहे हैं.

इसे भी पढ़ें- Big Breaking: इस जिले में 41 पुलिसकर्मी हुए कोरोना संक्रमित, जानिए कहां का है मामला…

पिछले साल भी हुआ नुकसान
किसानों का कहना है कि बीते साल भी कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन के कारण बाहर से व्यापारी नहीं आ सके थे. जिसके चलते काफी नुकसान उठाना पड़ा था. इस साल भी व्यापारी नहीं आ रहे हैं. जिससे टमाटर की उपज को सही दाम नहीं मिल रहे हैं. ऐसे में फसल तैयार होने के बाद उसे तोडऩा जरूरी होता है. तोडने के बाद दो दिन से ज्यादा टमाटर को रखा नहीं जा सकता. इस दौरान ग्राहक नहीं मिलने से किसानों की उपज खराब हो जा रही है.

Corona effect: CGBSE postpones the board exams of class 10th; order issued

इस बार थी किसानों को उम्मीद
किसानों का कहना है कि इस साल टमाटर की फसलों से काफी उम्मीदें थी, लेकिन क्या पता कि इस बार भी कोरोना का संक्रमण किसानों की फसलों पर भी लग जाएगा. उन्होंने कहा कि कोरोना और लॉकडाउन के चलते बीते साल भी अपनी फसलों को नष्ट करना पड़ा था और इस साल भी वही हाल है.

read more- Coronavirus Effect: Maharashtra Migrant Workers Heads home Amid Fears of Another Lockdown