मुकेश मिश्रा, अशोकनगर। मध्यप्रदेश में कोरोना का संक्रमण भयावह स्थिति में पहुंच गया है. अस्पतालों में मरीजों के लिए जगह कम पड़ गई है. कहीं एंबुलेंस पर तो किसी अस्पताल में जमीन पर बिस्तर लगाकर मरीजों का उपचार किया जा रहा है. इसके बाद भी बड़ी सख्या में लोगों की जानें जा रही है. ताजा मामला यहां के जिला अस्पताल का है जहां एक महिला सब इंस्पेक्टर के पटवारी पति ने अस्पताल में जमीन पर ही तड़प तड़प कर दम तोड़ दिया.

महिला सब इंस्पेक्टर के पति पटवारी थे.

मृतक पटवारी की पत्नी चंदेरी थाना क्षेत्र में सब इंस्पेक्टर

जानकारी के अनुसार अशोक नगर जिला अस्पताल में एक महिला सब इंस्पेक्टर के पटवारी पति ने अल सुबह दम तोड़ दिया. मृतक पटवारी की पत्नी चंदेरी थाना क्षेत्र में सब इंस्पेक्टर है. इस घटना से यह भी सवाल उठ रहा है कि जब सरकारी नुमाइंदों को अस्पतालों में सुविधाएं नहीं मिल पा रही तो आम गरीब जनता का हाल क्या होगा, इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है. महिला सब इंस्पेक्टर के पति कमलेश भगत को देर रात करीब 12.30 बजे पेट दर्द और उल्टी की शिकायत पर जिला अस्पताल में लाया गया.

मृतक पटवारी के शव के पास पत्नी सहित बच्चे रोते बिलखते रहे

कोरोना मरीजों के चलते अस्पताल में एक भी पलंग खाली नहीं मिला. लिहाजा उन्हें जमीन पर ही एक गद्दा दे दिया गया. गद्दा मिलना ही काफी नहीं था. गद्दा देने के बाद अस्पताल प्रबंधन का कोई भी कर्मचारी मरीज को देखने नहीं आया. पत्नी रातभर डॉक्टरों से अनुनय विनय करती रही. फिर भी अस्पताल के किसी कर्मचारी का दिल नहीं पिघला. महिला इंस्पेक्टर ने बताया कि पूरी रात कोई भी डॉक्टर उसे देखने नहीं आया. सुबह होते होते उन्होंने दम तोड़ दिया. मृतक पटवारी के शव के पास पत्नी सहित बच्चे रोते बिलखते रहे.

आपदाकाल में पैसा, पद, प्रतिष्ठा और सोर्स भी काम नहीं आ रहा

इस घटना से यह भी सीख मिल रही है कि कोरोना आपदाकाल में कोई किसी का नहीं है. पैसा, पद, प्रतिष्ठा और सोर्स भी काम नहीं आ रहा है. काम आ रहा तो सिर्फ स्वयं की सावधानी. इससे आप स्वयं सुरक्षित हैं और लोगों को भी सुरक्षित रख रहे हैं. इसलिए कोरोना गाइडलाइन के नियमों का कड़ाई से पालन करें. बिना वजह घरों से न निकले, हमेशा मास्क पहनें और घरेलु उपचार भाप लें और हो सके तो नियमित रूप से शारीरिक व्यायाम करें.