राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। कोरोना महामारी में कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए जरुरी रेमडेसिविर इंजेक्शन और चिकित्सा उपकरणों की कालाबाजारी मामले में राज्य शासन सख्त हो गया है. कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (रासुका) के तहत कार्रवाई की जा रही है. इसी कड़ी में पूरे राज्यभर में अबतक रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी के तहत 75 एनएसए और 6 चोरबाजारी निवारण अधिनियम में आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजे जा चुके हैं.

रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी के इंदौर के 9, उज्जैन के 9, ग्वालियर के 4, जबलपुर के 4, शहडोल के 4, भोपाल के 2, धार के 2, मंदसौर के 1, छिन्दवाड़ा के 1, और रतलाम के 1 कुल 37 एनएसए गृह विभाग ने कन्फर्म किए है. रेमडेसिविर इंजेक्शन कालाबाजारी के एनएसए में इनके अलावा इंदौर में 30 और भोपाल में 8 आदेश संबंधित डीएम द्वारा जारी किए है. कुल 38 आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेजे गए हैं. 14 मई को गृह विभाग द्वारा इस आदेश की पुष्टि की जाएगी.

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चोरबाजारी निवारण और अत्यावश्यक वस्तु प्रदाय अधिनियम में रेमडेसिविर इंजेक्शन कालाबाजारी के संबंध में जबलपुर में 2, उज्जैन में 2 और सागर में 1 तथा ऑक्सीजन कालाबाजारी में सतना में 1 आदेश जारी कर कुल 6 आरोपी गिरफ्तार कर जेल भेजे गए हैं.
बता दें कि एनएसए में 12 माह के लिए और चोरबाजारी निवारण अधिनियम में 6 महीने के लिए आरोपी को प्रतिबंधात्मक रूप से गिरफ्तार कर जेल में रखे जाने का प्रावधान हैं.

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गृह विभाग द्वारा रेमडेसिविर इंजेक्शन, ऑक्सीजन और अन्य आवश्यक दवा की कालाबाजारी करने वालों पर एनएसए अंतर्गत सख्त और त्वरित कार्रवाईं के निर्देश जिलों के डीएम और एसपी को दिए गए हैं.