रेणु अग्रवाल, धार। कोरोना संक्रमण रोकने जिले में कोरोना कर्फ्यू लगा हुआ है. इस दौरान जिले में सभी तरह की मांगलकि कार्यक्रम और सार्वजनिक आयोजन पर प्रतिबंध लगा हुआ है. कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए कलेक्टर ने पूर्व में दी गई शादी समारोह की अनुमति को भी निरस्त कर दिया है. इसी दौरान गश्त पर निकली प्रशासन की टीम को एक गांव में शादी का पंडाल नजर आने पर न सिर्फ शादी रुकवा दी बल्कि पंडाल और डीजे की जब्त कार्रवाई की है. जब्त पंडाल का उपयोग कोविड सेंटर में किया जाएगा.

धार जिले में कोरोना संक्रमण को देखते हुए धारा 144 लागू
बता दें कि धार जिले में कोरोना संक्रमण को देखते हुए धारा 144 लागू है. वहीं जिला दंडाधिकारी आलोक कुमार सिंह के द्वारा विगत दिनों एक आदेश जारी कर जिले में विवाह आयोजन पर प्रतिबंध लगाकर पूर्व में दी गई अनुमति भी निरस्त कर दी गइ है.

वहां तकरीबन 30 से अधिक लोग विवाह आयोजन में शामिल थे
धार के मगजपुरा क्षेत्र में जिला प्रशासन व पुलिस के द्वारा फ्लैग मार्च निकाला जा रहा था. उस दौरान मगजपुरा क्षेत्र से यह फ्लैग मार्च गुजर रहा था वहां एक विवाह समारोह के आयोजन की तैयारियां चल रही थी. जैसे ही प्रशासन, पुलिस, नगरपालिका व राजस्व की टीम इस आयोजन स्थल पर पहुंची तो वहां तकरीबन 30 से अधिक लोग विवाह आयोजन में शामिल थे. वहां पर टेंट एवं विवाह समारोह में उपयोग में आने वाली सभी सामग्री मौजूद थी. एसडीएम दिव्या पटेल, सिटी मजिस्ट्रेट शिवांगी जोशी, तहसीलदार भास्कर गाचले व राजस्व का अमला, नगर पालिका व पुलिस विभाग की टीम ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए इस विवाह समारोह के आयोजन स्थल पर मौका पंचनामा बनाकर वीडियोग्राफी की गई.

कोविड की जांच की टीम भी मौके पर पहुंची और परिजनों व रिश्तेदारो की जांच की गई
प्रशासन ने टेंट, डीजे, हैलोजन लाइट सहित सभी सामग्री को वाहन बुलाकर जब्ती कार्रवाई की. वहीं जिला अस्पताल से कोविड की जांच की टीम भी मौके पर पहुंची और परिजनों व रिश्तेदारो की जांच की गई. एसडीएम के अनुसार जब्त किए गए टेंट को कोविड मरीजों के परिजन के छांव करने के लिए लगाया जाएगा. इस पूरी कार्रवाई में फ्लैग मार्च में निकलने वाले वाहनों के साथ 20 से 25 की संख्या में अधिकारी एवं कर्मचारी का आमला कार्रवाई के वक्त मौके पर मौजूद रहा.

विवाह समारोह की अनुमति परिवार ने पहले ले ली थी
धार के मगजपुरा के एक घर के आंगन में इस विवाह समारोह का आयोजन होना था जिसके लिए सारी तैयारियां की गई थी. बताया जा रहा है कि यहां बेटी के विवाह का आयोजन था एवं इस विवाह समारोह की अनुमति परिवार ने पहले ले ली थी.

विवाह आयोजन की अनुमति निरस्त होने की सूचना मोबाइल पर दी जा सकती थी
परिवार के सदस्य आकाश ने बताया कि अनुमति के वक्त हमारा मोबाइल नंबर आवेदन में लिखवाया गया था. हमें विवाह आयोजन की अनुमति निरस्त होने की सूचना मोबाइल पर दी जा सकती थी. परिजन ने सवाल उठाया है कि हमारे परिवार के ही 30 सदस्य हैं जो एक ही घर में रहते हैं. क्या 20 सदस्यों को शादी समारोह में रखकर अन्य 10 सदस्यों को घर से बाहर निकाल देते.