शरद पाठक, छिंदवाड़ा। मध्यप्रदेश का छिंदवाड़ा नगर निगम 2014 में बना था. इसके पहले ये नगर पालिका थी. 2014 में आसपास के गांवों को मिलाकर यहां नगर निगम बनाया गया था. तभी से यहां बीजेपी का कब्जा है. ऐसे में कितना विकास हुआ और क्या बीजेपी ने किए वादों को पूरा किया. इन बातों को जानने के लिए हमने जनता से बात की. 2014 से 2020 तक यहां बीजेपी के महापौर रहे. विगत 2 वर्षों से यहां प्रशासक बैठे हुए हैं. यह इस नगर निगम का दूसरा चुनाव है. निगम बनने के बाद हुए छिंदवाड़ा के विकास पर लोगों का नजरिया जानने के लिए लल्लूराम ने पब्लिक मीटर के जरिए शहर का मिजाज जाना है.

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नगरीय क्षेत्र में वोटरों की बात करे तो कुल 1 लाख 90 हजार 742 वोट है. जिसमें 96016 महिला, 94717 पुरूष, 914 अन्य वोट हैं . खास बात यह है कि सामान्य से विपरीत यहां पर पुरुषों की अपेक्षा महिला वोटरों की संख्या ज्यादा है. लल्लूराम डॉट कॉम ने जनता का मिजाज जानने के लिए विभिन्न क्षेत्रों के निवासियों से बात की, तो पाया कि ज्यादातर लोगों की शिकायत शहर में फैली हुई गंदगी, नाले नालियों की सफाई, बदहाल सड़कें, गंदा और अनियमित पानी, अवैध कॉलोनी और कचरे का संग्रहण की है.

ज्यादातर जनता आने वाले जनप्रतिनिधियों की तरफ उम्मीद भरी निगाहों से देख रही है. लोगों का कहना है कि आने वाले जनप्रतिनिधि शायद हमारी समस्याओं को हल करने में मदद करेंगे. ज्यादातर नागरिक अपने जनप्रतिनिधियों और नगर निगम के कार्य प्रणाली से नाराज नजर आए. सभी को छिंदवाड़ा में मूलभूत सुविधाओं का अभाव नजर आया आता है. देखना यह है कि अगले चुनाव में जनता का आक्रोश क्या गुल खिलाएगा. भाजपा ने अनंत धुर्वे और कांग्रेस ने विक्रम अहाके को छिंदवाड़ा से अपना उम्मीदवार बनाया है.

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