धर्मेंद्र यादव, निवाड़ी। किताबों में पंच परमेश्वर द्वारा आपसी विवादों को सुलझाकर न्याय देने वाली कई कहानियां आपने पढ़ी होंगी। पंचायती राज व्यवस्था में मध्यप्रदेश के निवाड़ी जिले में आज भी एक गांव ऐसा है यहां ‘पंच परमेश्वर’ आपसी विवादों की सुनवाई कर लोगों को उचित न्याय देते हैं। यही वजह है कि गांव में 39 साल से पुलिस को आने की जरूरत नहीं पड़ी है।

मध्यप्रदेश के बुंदेलखण्ड में एक अनोखा गांव है। जहां पिछले करीब 39 साल में एक भी मामला पुलिस थाने में दर्ज नहीं हुआ है, यहां आज भी छोटे-बड़े सभी विवाद पंचायत के माध्यम से सुलझा लिए जाते हैं। चुनाव के समय को छोड़कर गांव में पुलिस कभी नहीं जाती।
बात निवाड़ी जिले में पृथ्वीपुर थाना क्षेत्र के हाथीवर खिरक गांव की है। जहां वर्ष 1983 से आज तक एक भी शिकायत पुलिस थाने नहीं पहुंची। गांव का विवाद गांव में ही निपटा लिया जाता है और इस बात की पुष्टि गांव के लोगों के अलावा संबंधित क्षेत्र के पुलिस अधिकारियों ने भी की है।

225 लोगों की आबादी वाले इस हाथीवर गांव में मुख्य रूप से पाल और अहिरवार समाज के लोग रहते हैं। यहां के लोगों का मुख्य कार्य कृषि और बकरी पालन है। लोग विवादों से दूर अपने कामों में ज्यादा व्यस्त रहते हैं और कभी कुछ भी हो भी जाता है, तो गांव में पंचायत कर वरिष्ठजनों द्वारा समझाइश देकर मामले को वहीं खत्म कर देते हैं। विवाद के बाद भी लोगों के मन में कही किसी भी प्रकार की कोई मतभेद नहीं रहती और सभी पहले जैसे ही मिल-जुलकर रहते हैं।

गांव की 100 साल की बुजुर्ग महिला प्यारी बाई पाल कहती है कि उन्होंने कभी नहीं जाना की गांव में कोई विवाद हुआ है। वहीं गांव के लोगों का कहना है उन्होंने जब से होश संभाला है, तब से आज तक गांव में विवाद नहीं देखा और कभी कभार हल्की-फुल्के विवाद हुए भी तो उन्हें गांव में ही सुलझा लिया जाता है।

वहीं पुलिस अनुविभागीय अधिकारी संतोष पटेल ने बताया कि गांव के बारे में जानकारी होने पर उन्होंने यहां का विलेज क्राइम नोटबुक चेक कराया, तो यहां पर वर्ष 1983 के बाद से आज तक कोई अपराध दर्ज नहीं किया गया है। इस अमन पसंद गांव में एक व्यक्ति ही कुछ असामाजिक किस्म का था। जिसके नाम गांव की लड़ाई में नहीं अन्य जगहों पर हुए विवाद के एक-दो प्रकरण दर्ज हुए हैं। उसके बाद से वह सालों से गांव में नहीं रहता है।

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