धनराज गवली, शाजापुर। नाबालिग के साथ शारीरिक संबंध बनाकर उसे गर्भवती करने और फिर गर्भ से जन्मी बच्ची की हत्या करने वाले आरोपी को अपर सत्र न्यायाधीश शाजापुर ने 20 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। आरोपी मोनू उर्फ संजय पिता तेजुलाल आयु 19 वर्ष निवासी देहरीपाल थाना मोहन बड़ोदिया को लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम की धारा में 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5 हजार रुपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है। 

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एडीपीओ शाजापुर प्रतीक श्रीवास्तव ने बताया कि 22 जनवरी  2021 को करीब 11.30 बजे नवजात शिशु का शव क्षत-विक्षत अवस्था में पड़ा मिला था, जिसका एक हाथ व एक पैर नहीं था। गांव वालों द्वारा इसकी सूचना पुलिस को दी गई। सूचना पर से पुलिस द्वारा मर्ग कायम कर जांच प्रारंभ की गई। जांच में पाया कि शव नवजात बच्ची का था, जिसे गला घोंटकर मारा गया था तथा मृत्यु उसके जन्म के बाद की गई थी। बच्ची की उम्र गर्भ में 28 से 34 सप्ताह की थी, पुलिस विवेचना के दौरान 9 मार्च 2021 को कुछ संदेही महिला के रक्त नमूना संग्रहित कर डीएनए परीक्षण कराया गया।  

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नवजात शिशु बालिका की पीड़िता के जैविक माता होने की रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर उससे पूछताछ की गई। आरोपी मोनू उर्फ  संजय पिता तेजुलाल आयु 19 वर्ष निवासी देहरीपाल थाना मोहन बड़ोदिया द्वारा पीड़िता जो कि नाबालिग लड़की थी, उसके साथ शारीरिक संबंध बनाने के परिणामस्वरूप गर्भवती होना पाए जाने से पुलिस द्वारा आरोपी मोनू के विरूद्ध विभिन्न धारा एवं लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम की धारा अंतर्गत अपराध पंजीबद्ध किया गया। अनुसंधान पश्चात पुलिस ने न्यायालय में आरोपी के विरूद्ध चालान पेश किया।  

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प्रकरण में अभियोजन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक शाजापुर प्रतीक श्रीवास्तव ने की, वहीं अंतिम बहस जिला लोक अभियोजन अधिकारी देवेन्द्र कुमार मीणा ने की। न्यायालय ने अभियोजन द्वारा प्रस्तुत परिस्थितिजन्य साक्ष्य एवं डीएनए रिपोर्ट से सहमत होते हुए आरोपी मोनू उर्फ संजय को दोषी पाते हुए दंडित किया गया.

गला घोंटकर उतारा था मौत के घाट 

नाबालिग लड़की ने बताया कि करीब 2 साल से उसका शारीरिक संबंध व बातचीत आरोपी मोनू ऊर्फ  संजय से थी। जब उसके परिवार के लोग घर पर नहीं रहते थे, तब आरोपी मोनू उसके घर आता और उसके साथ शारीरिक संबंध बनाता था, जिससे उसे एक डेढ़ साल पहले गर्भ रह गया था, जिसकी जानकारी उसके घरवालों को नहीं थी। जब परिवार के लोग रिश्तेदारी में गए थे, तब उसको डिलेवरी होकर लड़की पैदा हो गई, जिसको अभियुक्त मोनू ने नवजात बालिका के गला घोंटकर मार दिया व मकान के पीछे गली में फेंक दिया। 

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