अमित शर्मा,श्योपुर। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में अपराधियों के हौंसले बुलंद है. यही वजह है कि अधिकारियों की टीम पर भी पथराव (stone pelting on officials) करने से नहीं हिचकिचा रहे हैं. श्योपुर (Sheopur) जिले में रेत माफियाओं पर कार्रवाई करने पहुंची राष्ट्रीय चंबल अभ्यारण विभाग की टीम पर जमकर पथराव हुआ है. इस पथराव में राष्ट्रीय चंबल अभ्यारण विभाग (National Chambal Sanctuary Department) के एसडीओ योगेंद्र पारदे (SDO Yogendra Parde) की गाड़ी के शीशे क्षतिग्रस्त हो गए हैं. एसडीओ के साथ भी हाथापाई हुई है. खास बात यह है कि इतना सब कुछ होने के बाद भी एसडीओ ने पुलिस थाने में कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई है. इसे लेकर एसडीओ की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं.
पूरा मामला मानपुर थाना इलाके के सुंडी गांव के पास पार्वती नदी (Parvati River) के पास का है. जहां रविवार देर शाम एसडीओ योगेंद्र पारदे रेत माफिया के लोगों पर कार्रवाई करने के लिए मौके पर पहुंचे थे. इस दौरान उन्हें रेत से भरे हुए तीन से चार ट्रैक्टर ट्रॉली भी मिल गए. रेत माफिया के लोगों ने ट्रैक्टरों को तो मौके से भगा दिया, लेकिन नदी के अवैध रूप से भरी हुई ट्रोलियाँ मौके पर ही मिल गई. इसी दौरान रेत माफिया के लोगों ने एसडीओ योगेंद्र के साथ हाथापाई करते हुए उनकी गाड़ी पर पथराव कर दिया. जिससे उनकी गाड़ी के शीशे टूट गए.
बताया जा रहा है कि कार्रवाई के दौरान एसडीओ योगेंद्र (SDO Yogendra Parde) शराब के नशे में धुत थे. इस वजह से उन्होंने पुलिस थाने पर पहुंचकर कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई है. अब सोमवार की शाम इस मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद एसडीओ की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं. कई लोग तो है एसडीओ पर रेत माफियाओं से वसूली करने के लिए मौके पर पहुंचने के आरोप लगा रहे हैं. उनके हमेशा शराब के नशे में होने की भी बात सामने आ रही है.
इस बारे में राष्ट्रीय चंबल अभ्यारण विभाग के एसडीओ योगेंद्र पारदे का कहना है कि वह गाड़ी को ऊपर खड़ी करके नीचे नदी की ओर गए थे, तभी आवाज आई और उन्होंने आकर देखा तो गाड़ी के शीशे किसी ने तोड़ दिए. जब उनसे सवाल पूछा गया कि एफआईआर क्यों नहीं कराई तो वह कहने लगे कि अब कराएंगे. घटना 24 घंटे पहले की है और एसडीओ साहब ने अब तक एफआईआर नहीं कराई है. इसे लेकर तो सवाल उठा रहे हैं.
अब उन पर रेत माफिया से अवैध वसूली करने के भी आरोप लग रहे हैं. इसे लेकर उन्होंने सफाई दी है कि अगर डील होती तो सीख गाड़ी का शीशा क्यों टूटता, लेकिन सवाल यह भी है कि गाड़ी पर पथराव हुआ फिर एफआईआर क्यों नहीं कराई. रेत से भरी हुई जिन ट्रॉलियों के पास एसजीओ योगेंद्र दिखाई दे रहे हैं. उन्हें राज साथ क्यों नहीं किया गया यह भी बड़ा सवाल है.
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