पुष्पलेश द्विवेदी, सिंगरौली। मध्यप्रदेश के सिंगरौली जिले (Singrauli District) में बिजली विभाग (electricity department) के अधिकारियों को बिल वसूले जाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। इसका अंदाज इस बात से लगाया जा सका है कि शासकीय दफ्तरों के साथ-साथ आम उपभोक्ताओं (consumers) पर बिजली बिल का बकाया शुल्क 56 करोड़ रुपये से भी अधिक है। जिससे लेकर विभाग के अधिकारी और कर्मचारी जरूरी विभागों के सेवाओं को छोड़ अन्य विभागों की बिजली कनेक्शन काटे जा रहे हैं।
दरअसल ऊर्जाधानी कहे जाने वाले सिंगरौली जिले में बिजली उत्पादन के बाद भी विद्युत विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों को बिल वसूली के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों को मिलाकर कुल 56 करोड़ से अधिक की राशि उपभोक्ताओं पर बकाया है। बिजली बिल वसूलने को लेकर विभाग के अधिकारियों ने टीम गठित करते हुए अलग-अलग क्षेत्रों में बड़े बकायेदारों के कनेक्शन काटने और कुर्की करने की कार्रवाई की जा रही है। बड़े बकायेदारों से विभाग ने शिकंजा कसते हुए हाल ही में पशुपालन विभाग के 7 लाख के करीब बिल बकाया होने पर कनेक्शन काट दिए गए हैं। इसी तरह जल निगम के 91 लाख, शिक्षा विभाग के 4 करोड़ सहित अन्य विभागों के भी विद्युत बकाया शुल्क जमा नहीं किए गए हैं।
कार्यपालन अभियंता ग्रामीण अविनाश सिंह ने कहा कि जरूरी विभागों को छोड़ अन्य विभागों के जिनके विद्युत बिल काफी बकाया है उनके कनेक्शन काटे जा रहे हैं। साथ ही शिक्षा विभाग में अभी परीक्षाओं का दौर शुरू है, इस वजह से कनेक्शन नहीं काटे जा रहे हैं। परीक्षा समाप्त होते ही शिक्षा विभाग में भी कनेक्शन काटने की कार्रवाई शुरू की जाएगी।
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