कर्ण मिश्रा,ग्वालियर। मध्यप्रदेश में बीजेपी के कद्दावर नेताओं में शुमार ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थकों को मंडलों में नियुक्तियां मिल गई हैं, लेकिन अभी तक उनके समर्थक यह नहीं समझ पाए हैं कि उन्हें उस विभाग में करना क्या है ? उनमें से एक इमरती देवी है, जिन्हें लघु उद्योग विकास निगम का अध्यक्ष बनाया गया है. केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल ने भी उनकी अशिक्षित होने पर मोहर लगाते हुए तंज कस रहे है, तो वहीं कांग्रेस इमरती पर निशाना साध रही है.

पूर्व मंत्री और लघु उद्योग निगम की नवनियुक्त अध्यक्ष इमरती देवी का कहना है कि लघु उद्योग निगम में मुझे क्या करना है कुछ नहीं पता. मुझे जानकारी नहीं है. मुझे नहीं पता कि क्या प्राथमिकताएँ हैं. मैं अधिकारियों से बात करके बताऊंगी. अभी इमरती देवी को अपने विभाग के विषय की ही जानकारी नहीं है.

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इमरती देवी लघु उद्योग निगम के अध्यक्ष का पदभार ग्रहण कर सीधे भोपाल से ग्वालियर पहुंचीं थी. उन्होंने पत्रकारों के सवालों के जवाब में कह दिया कि उन्हें अभी अपनी प्राथमिकताएं पता नहीं हैं. उन्होंने भोपाल में जाकर कार्यभार तो संभाल लिया है. लेकिन अब तक उन्हें विभाग की जानकारी नहीं है. उनके विभाग में क्या होता है, क्या नहीं होता है. इसके जरिये किस वर्ग विशेष का उत्थान किया जा सकता है.

केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल ने भी इमरती की अशिक्षित होने पर मोहर लगाते हुए तंज कसा है. उन्होंने कहा कि वे एक ऐसी महिलाओं में से हैं, जिन्होंने साबित कर दिया है कि जीवन में सफल होने के लिए शिक्षा जरूरी नहीं है. राजनीतिक विवेक सर्वोपरि होता है. लेकिन कांग्रेस इमरती को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है.

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कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता आरपी सिंह का कहना है कि जब वे मंत्री थीं तब भी उनकी कार्यशैली देखी है. सबसे बड़ी बात ये है कि प्रजातंत्र में जिसको जनता ने नकार दिया, उनको सत्ता देना कहीं न कहीं लोकतंत्र पर कुठाराघात है. आप जनता का मखौल उड़ा रहे हैं. ऐसे लोगों को सत्ता में पद देना जिनका स्वयं का विवेक नहीं है, जो शिक्षित नहीं हैं, कोई विजन नहीं है. जो विभाग उन्हें दिया जा रहा है. यह सरासर लोकतंत्र का अपमान है.

इमरती देवी जब कांग्रेस की कमलनाथ सरकार में थी, तब भी चर्चाओं में थी. जब उन्होंने 15 अगस्त पर मुख्यमंत्री के संदेश को बीच में छोड़कर कलेक्टर को पढ़ने का आदेश दे दिया था. लेकिन अब वह भले ही उपचुनाव के रण में हार गई हो, लेकिन सिंधिया की कट्टर समर्थक होने का फायदा उन्हें मिला है. साथ ही उऩ्हें लघु उघोग विभाग में अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिल गया है. अब ऐसे में देखना होगा कि इमरती अपने लघु उघोग विभाग को कैसे चलाती है.

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