अजय नीमा,उज्जैन। देशभर के साथ महाकाल की नगरी उज्जैन में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है. श्री कृष्ण की शिक्षा स्थली महर्षि सांदीपनि आश्रम में भगवान कृष्ण का पंचामृत से विशेष पूजन अभिषेक हुआ. यहाँ भगवान श्रीकृष्ण जन्मोत्सव हर्षोल्लास से मनाया गया. हालांकि महाकाल की नगरी उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर दुनिया भर में प्रसिद्ध है.

वैसे तो उज्जैन को महाकाल की नगरी के रूप में जाना जाता है, लेकिन उज्जैन में भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षा स्थली भी है. द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण 11 वर्ष की उम्र में उज्जैन के ऋषि सांदीपनि के पास विद्या अध्ययन के लिए आए थे. यही वजह है कि भगवान कृष्ण की शिक्षा स्थली सांदिपनी आश्रम देश-विदेश के भक्तों की आस्था का केंद्र बना हुआ है.

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उज्जैन के सांदीपनि आश्रम में भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव आस्था और उल्लास के साथ मनाया गया है. यहां उज्जैन के सांदीपनि आश्रम में गुरुगोविंद उत्सव मनाया गया. सबसे पहले भगवान कृष्ण का पंचामृत अभिषेक किया गया. इसके बाद महाआरती हुई. महर्षि सांदीपनि का आश्रम मंगलनाथ रोड पर स्थित है. आश्रम के पास के इलाके को अंकपात के नाम से भी जाना जाता है. माना जाता है कि यह स्थान भगवान कृष्ण द्वारा अपनी लेखनी को धोने के लिए उपयोग किया गया था.

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सांदीपनि आश्रम विश्व की सबसे पुरानी विधास्थली है. यहां पर करीब पांच हजार साल पहले भगवान श्रीकृष्ण अपने भाई बलराम के साथ विद्या अध्ययन करने आए थे. इस आश्रम में रहकर भगवान ने कुल चौंसठ दिनों में चार वेद, छह शास्त्र, अठारह पुराण, चौंसठ कला, गीता ज्ञान और गुरुसेवा को आत्मसात किया था. इसी आश्रम में सुदामा से श्रीकृष्ण की मित्रता हुई थी. भगवान ने इस आश्रम में ही जीवन की वास्तविकता को जाना था.

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