उज्जैन. जिले के नागदा तहसील के लिए आज सुबह एक दु:खद खबर सामने आई है. सेना का एक वीर जवान मातृभूमि की सेवा करते हुए सियाचिन ग्लेशियर में बर्फ धसकने से शहीद हो गया. उनके शहीद होने की दुख:द सूचना आज सुबह उनके चाचा के पास आए फोन काल से मिली. इसके बाद पूरे गांव में यह खबर तेजी से फैल गई. सूचना मिलते ही गांव में शोक की लहर है. परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. शहीद जवान बादल सिंह चंदेल अपने पीछे माता-पिता और पत्नी सहित साढ़े तीन साल का एक बेटा विवान को छोड़ गए हैं.

सूबेदार प्रताप सिंह ने जवान के शहीद होने की दुख:द खबर दी

जानकारी के अनुसार उज्जैन जिले के नागदा के रामसहाय मार्ग निवासी बादल सिंह चंदेल सियाचीन ग्लेशियर में 27 हजार फीट की ऊंचाई पर तैनात थे. तभी रात में भारी बर्फबारी हो गई. बर्फबारी होते ही बर्फ का बड़ा चट्टान धसक गया. वे उसमें दब गए. कुछ देर बाद उसने दम तोड़ दिया. सेना मुख्यालय की ओर से पहले बर्फबारी में उनके घायल होने की सूचना रात साढ़े 11 बजे परिजन को दी गई थी. फिर गुरुवार सुबह ग्लेशियर में मौजूद सूबेदार प्रताप सिंह ने जवान के शहीद होने की दुख:द खबर दी. आज सुबह ही ग्लेशियर से उनके पार्थिव शरीर को सियाचीन चौकी लाया गया. वहां से दिल्ली लाया जाएगा. दिल्ली के बाद इंदौर और फिर इंदौर से नागदा लाया जाएगा.

वर्ष 2004 में भर्ती हुए थे

बादल सिंह चंदेल 2004 को सेना में शामिल हुए थे. उनकी पहली पोस्टिंग रानीखेत में हुई थी. शहीद बादल सिंह ने ढाई साल तक शांति सेना में शामिल होकर दक्षिण अफ्रीका में अपनी सेवाएं दी थीं. महू रेजिमेंट के नायक बादल सिंह जनवरी में नागदा आए थे. 13 फरवरी को वे ड्यूटी पर वापस लौटे. उन्हें सियाचिन में 27 हजार फीट ऊपर ग्लेशियर पर तैनात किया गया था.

कार्यकाल हो चुका था पूरा

शहीद बादल सिंह अपनी 17 साल की पूरी सेवाएं सेना में दे चुके थे. 31 दिसंबर को उनका कार्यकाल भी पूरा हो गया था. सेना द्वारा उन्हें एक्सटेंशन पर प्रमोट किया गया था. इसके बाद उनकी ड्यूटी पुन: सियाचीन पर लगाई गई थी. परिजनों ने बताया कि बादल का विवाह 2017 में हुआ था और उसका एक साढे तीन साल का बेटा है.