रोहित कश्यप,मुंगेली। जिले में सट्टा खिलाने को लेकर एक कारोबारी के वायरल वीडियो पर खबर प्रकाशित होने के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया था. ताज्जुब की बात यह है कि पुलिस वीडियो में दिख रहे शख्स और उनके द्वारा लिए जा रहे लोगों के नाम की जांच और कार्रवाई करने के बजाय, उल्टे खबर चलाने वाले अलग-अलग संस्थान के दो पत्रकारों को नोटिस थमा दिया. जारी नोटिस में कहा गया है कि वो इसके संबंध में प्रमाणित दस्तावेज लेकर थाने में उपस्थित होकर जवाब प्रस्तुत करें. इसे लेकर पूरे पत्रकारों में भारी आक्रोश देखा गया.

यही वजह है कि आज भारी संख्या में पत्रकारों ने थाने के सामने काली पट्टी लगाकर घंटों प्रदर्शन किया. प्रेस क्लब सहित अन्य पत्रकार संगठनों ने इस मामले की कड़ी निंदा भी की. इस पूरे घटनाक्रम में लोकतंत्र की आवाज को दबाने की कोशिश बताते हुए पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की गई. खबर छापने वाले पत्रकारों को पुलिस द्वारा नोटिस जारी किए जाने को गलत ठहराया गया. इस दौरान पुलिस नियंत्रण कक्ष में पत्रकारों और पुलिस के अधिकारियों के बीच करीब आधे घण्टे की बातचीत हुई.

इसके बाद मौके पर पहुंचे पुलिस के अधिकारियों को दोबारा ऐसी घटना नहीं होने के संबंध में ज्ञापन सौंपकर जारी नोटिस को वापस करने की मांग की गई. जिस पर पुलिस के अधिकारियों ने भरोसा दिलाया है कि दोबारा ऐसी घटना की नहीं होगी. पत्रकारों के प्रदर्शन की जानकारी मिलते ही एडिशनल एसपी कमलेश्वर चंदेल ने मौके पर पहुंचकर पत्रकारों को समझाइश देकर मामले को शांत कराया.

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बता दें कि मंगलवार को वायरल वीडियो को लेकर ख़बर प्रकाशित करने पर पुलिस की बौखलाहट इतनी बढ़ गई थी कि सिटी कोतवाली पुलिस ने खबर छापने वाले दो अलग-अलग संस्थान में कार्यरत पत्रकारों को नोटिस जारी कर दिया था. जबकि ख़बर छापने वालों ने वीडियो की सच्चाई की प्रमाणिकता का दावा नहीं किया था.