केंद्र और राज्य सरकारें कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण की रोकथाम के लिए जहां एक ओर मिलकर काम कर रही हैं और लोगों से अपील कर कह रही है कि वे लॉकडाउन को गंभीरता से लें, ऐसे में झारखंड के एक मंत्री ने अपने बेटे के तब्लीगी जमात में शामिल होने की जानकारी को छिपाई. राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सूबे में कोविड-19 के संक्रमण को रोकने के लिए दिन-रात एक किए हुए हैं, लेकिन उनके ही मंत्री एक के बाद एक सरकार के किए करारे पर पानी फेरने पर अमादा हैं. लगातार दो दिनों में दो ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनसे राज्य सरकार की महामारी के खिलाफ इस पूरी लड़ाई पर ही सवाल उठने लगे हैं.

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सोरेन सरकार के लगातार दो मंत्रियों ने ऐसा कुछ किया, जिससे लॉकडाउन और कोरोनावायरस के खिलाफ लड़ाई कमजोर होने की आशंका जताई जा रही है. हेमंत सरकार में मंत्री हाजी हुसैन अंसारी का नाम भी बुधवार को संवैधानिक पद पर रहते हुए गंभीर कोताही बरतने वालों में जुड़ गया. हाजी हुसैन अंसारी का बेटा नई दिल्ली में तब्लीगी जमात के मरकज में शामिल हुआ था, लेकिन उन्होंने यह बात छिपाने की भरपूर कोशिशें की. खुलासा होने के बाद भी परिवार यह दावा करता रहा कि कोई दिल्ली नहीं गया था.

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मंत्री के पुत्र तनवीर का नाम मोबाइल नंबर के साथ पुलिस की विशेष शाखा की सूची में था. इसके बाद भी वह क्वारंटाइन किए जाने के वक्त दावा कर रहे थे कि वह दिल्ली नहीं गए. ध्यान रहे कि जो लोग भी दिल्ली की तब्लीगी जमात के मरकज में शामिल हुए थे, सरकार उन लोंगो की जांच करवा रही है.  हाजी हुसैन अंसारी के बेटे को प्रशासन ने आइसोलेशन वार्ड भेज दिया है, जबकि मंत्री को होम क्वारंटाइन में रखा गया है.

साभार-द क्विंट