रायपुर. नाचा ने NRI CELL के समन्वयक पर NACHA और छत्तीसगढ़ सरकार के खिलाफ दुषप्रचार का आरोप लगाया है. प्रेस नोट जारी करते हुए नाचा ने ये आरोप लगाया है. जिसमें कहा गया है-

उत्तरी अमेरिका छत्तीसगढ़ एसोसिएशन (NACHA) विगत 2017 से छत्तीसगढ़ मॉडल को लेकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सांस्कृतिक विरासत का संवाहक बना हुआ है. छत्तीसगढ़ के करोड़ो जनता ने जिस छत्तीसगढ़ की प्रगति के लिए स्वप्न देखा है, उन्हीं सपनों को नाचा वैश्विक मंच में नवा समृद्ध छत्तीसगढ़ को लेकर आगे बढ़ रहा है. NACHA प्रदेशवासियों की सेवा में हमेशा खड़ा रहा है. देश के बाहर एक-एक अप्रवासी भारतीय पूरे देश का रोल मॉडल होता है. निःस्वार्थ भावना से NACHA की ओर से किये हुए काम किसी परिचय का मोहताज नहीं है.

नाचा का कहना है कि विगत दो दिनों से कुछ समाचार पत्रों में NRI CELL समन्वयक की ओर से नाचा (NACHA) और छत्तीसगढ़ सरकार के खिलाफ दुष्प्रचार किया जा रहा है. नवम्बर में होने वाली आजादी के अमृत महोत्सव के लिए छत्तीसगढ़ के लोक कलाकारों को आमंत्रित करने के लिए 5 करोड़ रुपये की मांग जो कि पूर्णतः गलत है. नाचा इसका खण्डन करता है. नाचा ने भारतीय दूतावासों के साथ मिलकर “छत्तीसगढ़ उत्सव” की मेजबानी की तैयारी की है. इस प्रकार की खबरें भारतीय दूतावास, छत्तीसगढ़ प्रवासी और छत्तीसगढ़ सरकार का अपमान है.
NRI CELL की ओर से नियुक्त समन्वयक ने धमकाने वाले लहजे से सांस्कृतिक कार्यक्रम को रद्द करने की बात समाचार माध्यम के द्वारा कही है. जो कि इस संवैधानिक पद की गरिमा के खिलाफ है. अंतर्राष्ट्रीय स्तर में छत्तीसगढ़ की संस्कृति की लोक कलाओं को मंच देने से रोकने की बात से कलाकारों की कला का अपमान हुआ.

नाचा ने किसी भी प्रकार से आर्थिक सहायता कार्यक्रम के लिए नहीं ली है. छत्तीसगढ़ के सस्कृति विभाग से इस बात का पुष्टि किया जा सकता है. छत्तीसगढ़ राज्य, और इसकी विरासत और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए NACHA हर साल लाखों रुपये अपने बजट से खर्च करता है, बिना CG सरकार से कोई पैसा लिए। दरअसल नाचा ने कोविड के दौरान छत्तीसगढ़ राज्य को डोनेशन दिया है और मेडिकल एक्सेसरीज भी दान की है.

एनआरआई सेल समन्वयक की नियुक्ति के लिए पुर्नविचार के लिए मुख्यमंत्री को विधिवत आग्रह किया गया है. अपनी बात रखने का हरेक व्यक्ति का संवैधानिक अधिकार होता है. मुख्यमंत्री की नियुक्ति पर पुनर्विचार की चिंता सरकार का अपमान नहीं है. हालांकि, नियुक्त समन्वयक इस खबर को फैला रहे हैं जिससे अंततः छत्तीसगढ़ प्रवासी भारतीयों के बीच राज्य का नाम खराब हो रहा है. नाचा ने छत्तीसगढ़ सरकार को एनआरआई सेल समन्वयक की नियुक्ति पर पुनर्विचार करने के लिए आग्रह किया था. उक्त व्यक्ति ने अशोभनीय शब्दो का प्रयोग करते हुए शासन प्रशासन को धमकाने की बात कही है जो कि पूरी तरीके से गलत है. हमने हमेशा छत्तीसगढ़ की संप्रुभता का सम्मान किया है. छत्तीसगढ़ हम सभी के ब्लड में समाया हुआ है. छत्तीसगढ़ की माटी पर हमारा जन्म हुआ है भले ही कर्मभूमि सात समंदर पार है लेकिन दिल छत्तीसगढ़ के लिए धड़कता है.

समन्वयक ने दावा किया कि अमेरिका में पंजीकृत एक NGO ने जो अनाधिकृत रूप से स्वयं को छत्तीसगढ़ प्रदेश का प्रतिनिधित्व करने का दुष्प्रचार करता है. NACHA इस बयान का कड़ा विरोध करता है, यह भारत से बाहर रहने वाले 3 करोड़ NRI का अपमान है. हम एक सवाल पूछना चाहेंगे, अपनी संस्कृति को बढ़ावा देना, छत्तीसगढ़ी नृत्य करना,भारत दूतावासों में प्रदर्शन, छत्तीसगढ़ राज्य की फ्लोट निकला भारत दिवस में, आपने भाषा के प्रचार के लिए ऐप्स बनाना, स्थापना दिवस को मनाना, फिल्म उद्योग को बढ़ावा देना दुष्प्रचार होता है क्या ?

अब तक के सफर में छत्तीसगढ़ सरकार और नाचा दोनों मिलकर एक सेतु की तरह काम किये हैं. ताकि प्रदेश आर्थिक सामाजिक शैक्षणिक दृष्टिकोण से देश का नम्बर एक राज्य में शामिल हो. इस संस्था में 3000 अप्रवासी भारतीय अलग अलग देशों से जुड़े हुए है. नाचा के सभी सदस्य बड़ी कम्पनियों में पदस्थ है. सभी की सामूहिक भागीदारी से कार्ययोजना तैयार की जाती है.
नाचा ने छत्तीसगढ़ सरकार को एनआरआई सेल समन्वयक की नियुक्ति पर पुनर्विचार करने के लिए आग्रह किया था. उक्त व्यक्ति ने अशोभनीय शब्दो का प्रयोग करते हुए शासन प्रशासन को धमकाने की बात कही है जो कि पूरी तरीके से गलत है. हमने हमेशा छत्तीसगढ़ की संप्रुभता का सम्मान किया है. छत्तीसगढ़ हम सभी के ब्लड में समाया हुआ है।छत्तीसगढ़ की माटी पर हमारा जन्म हुआ है भले ही कर्मभूमि सात समंदर पार है लेकिन दिल छत्तीसगढ़ के लिए धड़कता है.

छत्तीसगढ़ हम सभी का अपना राज्य है हमे छत्तीसगढ़िया होने पर गर्व की अनुभूति होती है।NACHA छत्तीसगढ़ के हरेक त्योहारों को उत्साह के साथ मनाता है।छत्तीसगढ़ की झांकी को वैश्विक मंच पर सराहा गया था. प्रदेश के उच्च शिक्षा के लिए पढ़ने वाले विद्यार्थियों के मार्गदर्शन के लिए नाचा उड़ान छात्रवृति योजना लागू की है. उड़ान छात्रवृति के अंतर्गत 4 छात्र पूर्णतः निःशुल्क पढ़ाई कर रहे है. नाचा छत्तीसगढ़ी भाषा को अंतरराष्ट्रीय भाषा मे पहचान दिलाने के लिए कार्य कर रही है।नाचा के सदस्य कोविड के समय 24 घण्टे कोविड हेल्पलाइन के माध्यम सभी के सहयोग में आगे थे.

यूक्रेन युद्ध मे फंसे छत्तीसगढ़ के मेडिकल की पढ़ाई करने वाले छात्रों की सकुशल वापिसी में नाचा की भूमिका सराहनीय रहा है. सैकड़ो छात्र अनिश्चितता और निराशा में फंस हुए थे. जिंदगी बचाने की इस मुहिम में नाचा छात्रों के साथ कदम से कदम मिलाकर साथ रहा है. वहीं दिव्यांग पर्वतारोही चित्रसेन साहू को पर्वतारोहण के लिए प्रायोजक बनकर प्रदेश की गरिमा को पूरे विश्व में गौरवान्वित किया है.

छत्तीसगढ़ के कला को सम्मान देने के क्रम में नाचा के द्वारा अंतरराष्ट्रीय मंच पर महोत्सव किया जाता है।छत्तीसगढ़ की संस्कृति जब विश्वपटल पर दिखती है तो पूरे प्रदेशवासियों को गौरव की अनुभूति होती है. सुआ ददरिया की गूंज और छ्त्तीसगढी पकवानों की महक से पूरा वातावरण छत्तीसगढ़मय हो जाता है. सरकार द्वारा नियुक्त सेल समन्वयक को हमारी देशभक्ति का प्रमाण पत्र देने की जरूरत नहीं है. हम हमेशा छत्तीसगढ़ वासियों की तरक्की के लिए छत्तीसगढ़ सरकार के साथ कार्य करते रहेंगे.

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