लखनऊ. विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस में समीक्षा का दौर शुरू हो चुका है. बुधवार को कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ‘नव संकल्प’ कार्यशाला में शामिल हुईं. उन्होंने कहा कि जब तक जीतेंगे नहीं तब तक लड़ेंगे. प्रियंका गांधी वाड्रा ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित दो दिवसीय नव संकल्प कार्यशाला के मंच से उन्होंने कहा कि जी-जान से लड़ने के बावजूद पार्टी को हार मिली, लेकिन मायूस होने का वक्त नहीं है, बल्कि दोगुनी ऊर्जा से लड़ाई लड़नी पड़ेगी.

उन्होंने कहा कि पार्टी की हार हुई, ये एक सच्चाई है, जबकि पार्टी कार्यकर्ताओं की मेहनत ने पूरे देश के कार्यकर्ताओं को प्रेरित किया था. हमें और गहराई से काम करने की जरूरत है. जनता से जुड़ने के लिए हमें और प्रयास करना होगा. सिर्फ राजनीतिक नहीं सामाजिक मसलों पर भी जनता से जुड़ाव बनाना होगा. इस समय भाजपा जिस तरफ देश के ले जा रही है यह वह देश नहीं है जिसके लिए महात्मा गांधी, सरदार पटेल और डॉ. आंबेडकर ने लड़ाई लड़ी थी. हमें घर-घर जाकर लोगों को हकीकत बतानी होगी.

प्रियंका गांधी ने कहा कि 2014 तक देश की अर्थव्यवस्था आगे बढ़ रही थी, लेकिन आज देश की बुरी हालत पूरी दुनिया देख रही है. युवाओं को जीत-धर्म के नाम पर बांटकर उनका भविष्य बर्बाद किया जा रहा है. कांग्रेस कार्यकर्ताओं को हालात बदलने के लिए नई ऊर्जा से जुटना होगा, मैं उनके साथ दोगुनी ताकत से मेहनत करूंगी. हमें उदयपुर चिंतन शिविर में पारित हुए घोषणापत्र की भावना को समझकर आगे बढ़ना होगा. उन्होंने बताया कि पार्टी कार्यकर्ताओं से मिलकर वह हार के कारणों को तो जानने का प्रयास करेंगी ही, खुद अपना भी मूल्यांकन करेंगी कि कमी कहां रह गई.

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विधानसभा चुनाव के बाद पहली बार लखनऊ आईं प्रियंका गांधी वाड्रा तकरीबन 45 मिनट प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय में रहीं. अपने 15 मिनट के संबोधन में उन्होंने कहा कि जो भी हमने किया, वो काफी नहीं था. पहले कांग्रेस नेता सिर्फ राजनीतिक नहीं, सामाजिक मुद्दों को लेकर और तीज-त्योहारों में भी जनता के बीच जाते थे, लेकिन आज हम ऐसा नहीं करते. कांग्रेस महासचिव ने कांग्रेस के निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू की तारीफ करते हुए उन्हें धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि उन्होंने जी-जान से संघर्ष किया. सिर्फ चुनाव के समय नहीं बल्कि कोविड काल में भी उनके नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ताओं ने जमकर काम किया.