पी रंजन दास, बीजापुर। नक्सलियों की एक और कायराना करतूत सामने आई है, जिसमें 12वीं कक्षा के छात्र को पुलिस मुखबिरी के संदेह में मौत के घाट उतार दिया. नक्सलियों ने ताती हिडमा के मौत की जिम्मेदारी केंद्र, राज्य सरकार के साथ पुलिस प्रशासन पर डाली है.

नक्सली संगठन भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) दक्षिण बस्तर डिविजनल कमेटी की ओर से जारी विज्ञप्ति में बताया कि एक योजना के तहत 11 जनवरी 2023 को सुबह 11 बजे हमारी पार्टी नेतृत्व, पीएलजीए बलों और जनता पर ड्रोन्स, हेलीकॉप्टरों के जरिए हवाई हमला किया गया था. इस हमले से तीन साल पहले ग्राम बोट्टेतोंग के ताती हिडमा दंतेवाड़ा में 12वीं कक्षा के छात्र को पुलिस ने पकड़कर धमकियां और पैसा-नौकरी का लालच देकर अपने मुखबिर के रूप में तब्दील किया. तब से वह मुखबिरी कर रहा था.

हिडमा की गलतियों को देखकर दो बार समझाया गया था. लेकिन वह पुलिस मुखबिरी में सक्रिय रहा. जंगल में शिकार के नाम पर सेल्फी लेने के नाम पर वे गुरिल्ला बलों का डेरों व कैम्पों का पता (रेक्की) करता था. ड्रोनों के माध्यम से बम गिराने, हेलिकॉप्टरों से फोर्स उतारने और किस दिशा से हमला शुरू करने सहित सटीक लोकेशन का भी शेयर किया था. इन हवाई हमलों के तुरंत बाद ताती हिड़मा पर शक करके पीएलजीए ने उनको पकड़ लिया. पूछताछ में उसने खुद इस ऑपरेशन में प्रधान मुखबिर होने की बात खुलासा किया था. जिस पर उसे मौत के घाट उतारने का फैसला लिया गया.

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