सुकमा। छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग से लाल आतंक की कमर तेजी से टूटती जा रही है. जांबाज जवानों के आगे लगातार खूंखार नक्सली घुटने टेक रहे हैं. नक्सली पुलिस की ताबड़तोड़ कार्रवाई से घबराहट में आ गए हैं. एक के बाद एक पुलिस के सामने हथियार डाल रहे हैं.

लाल आतंक को तगड़ा झटका

इसी कड़ी में सुकमा में सीआरपीएफ 74 वाहिनी और जिला पुलिस बल को बड़ी सफलता मिली है. दो लाख इनामी और नक्सलियों के बटालियन नंबर वन में डॉक्टर के पद में कार्य कर चुके नक्सल आरोपी सहित दो ने आत्मसमर्पण किया है.

पुलिस द्वारा चलाये जा रहे पूना नर्कोम अभियान और शासन के पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर आत्मसमर्पण किया है. नक्सलियों की नसबंदी और घायल बीमार नक्सलियों का उपचार करता था.

आत्मसमर्पित नक्सली नक्सली बटालियन के टॉप डॉक्टर कमांडर के पद पर कार्यरत था. आत्मसमर्पित नक्सल आरोपियों ने भरमार बंदूक के साथ सुकमा एसपी सुनील शर्मा और सीआरपीएफ 74 वाहिनी के द्वितीय कमान अधिकारी के सामने आत्मसमर्पण किया है.

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