रायपुर. बीजेपी राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामविचार नेताम ने भू राजस्व संहिता विधेयक मामले पर कहा ​​कि कुछ राजनीतिक दलों ने सरकार के खिलाफ दुष्प्रचार किया. समाज की ओर से इस बात को लेकर नाराजगी जाहिर की गई थी. जिसे हमने सरकार के संज्ञान में लाया. आदिवासी समाज की मंशा के अनुरुप विधेयक को स्थगित करने का फैसला किया गया. उन्होंने कहा कि जिस विधेयक को फिलहाल वापस लिया गया है उसे आगे देखेंगे. उन्होंने तीन तलाक कानून का हवाला दिया जो राज्यसभा में अटका है लेकिन सरकार की मंशा इसे पास कराने की है.

दरअसल, नेताम के साथ बीजेपी के तीन कद्दावर नेताओं ने इस मसले पर रायपुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की जिसमें उन्होंने इस बिल पर सरकार का पक्ष रखा. इसमें सांसद विक्रम उसेंडी और मंतूराम पंवार सहित सिद्धनाथ पैकरा भी उपस्थित रहे. चर्चा के दौरान नेताम ने बताया कि लोगों के बीच भ्रम की स्थिति बन गई थी. इसके बाद हमने सीएम से आग्रह किया था कि अभी समाज तैयार नहीं है.

इस प्रेस कांफ्रेस में नेताम ने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है. क्या सरकार ने बिल को वापस लेने का जो ऐलान किया था. उसे कानूनी तरीके से सरकार वापस नहीं लेगी. चुनाव तक उसका इसे स्थगित रखने का इरादा है. ये सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि विपक्ष और आदिवासी समाज ने सरकार की घोषणा को लेकर सवाल खड़े किए हैं. चूंकि बिल विधानसभा में पारित हुआ था लिहाज़ा इसे विधानसभा में ही वापस लिया जा सकता है. इसी मांग को लेकर आदिवासी समाज विधानसभा का घेराव करने वाला है.

हालांकि प्रेस कांफ्रेंस में नेताम ने कहा कि कांग्रेस और कांग्रेस का चोला ओढ़ने वाले लोगों ने जो दुष्प्रचार समाज के बीच किया है, उसे हम समाज के लोगों के बीच जाकर वास्तविक स्थिति रखेंगे. नेताम ने कहा कि मोर्चा की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक हुई है. जिसमें पार्टी ने आगामी कार्यक्रम तय किया है. इसके अतर्गत अनुसूचित जनजाति मोर्चे का दो बड़ा सम्मेलन किया जाएगा. जो की बस्तर और सरगुजा संभाग में होगा. 8 अप्रेल को सरगुजा में आदिवासी सम्मेलन आयोजित किया गया है. तो इसी महिने के अंत तक बस्तर में भी एक सम्मेलन आयोजित किया जायेगा.

इसके अलावा नेताम ने कहा कि अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित 29 विधानसभा सीटों में पूरे मुस्तेदी से काम किया जाएगा. आदिवासी बहुल सीटों में भी काम में तेजी लाकर जीत सुनिश्चित की जाएगी. जहां आदिवासी निर्णायक स्थिति में हैं उन सीटों को भी जितने का लक्ष्य रखा गया है. साथ ही बीजेपी के कार्यक्रमों को मोर्चा के जरिये मंडल और बूथ स्तर तक लेकर जाने की भी रणनिति बनाई गई है.

सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए नेता ने कहा कि रमन सरकर ने 14 सालों में आदिवासी वर्ग के लिए कई काम किये हैं. जहां हम पहुंच नहीं सकते थे, वहां तेजी से विकास किया गया. सरगुजा और बस्तर को पहुंच विहीन क्षेत्र के नाम से जाना जाता था. आज इन क्षेत्रों में सड़कों का जाल बिछा है. शिक्षा, स्वास्थ्य में बड़े काम किये गए. 14 सालों में 29 हजार से ज्यादा स्कूल खोले गए. पोटा केबिन खोले गए. जाति प्रमाण पत्र बनाने की कठिन प्रक्रिया को सरल बनाया गया. आदिवासी इलाकों में स्थानीय लोगों की सरकार नौकरी में भर्ती की है.

नेताम ने कहा कि किसी ने नहीं सोचा था कि दिल्ली में छत्तीसगढ़ के आदिवासी अंचलों के बच्चे वहां यूपीएससी की तैयारी करेंगे. दिल्ली में ट्राइबल होस्टल का निर्माण किया गया. आदिवासी अंचल को रेलवे और एयर कनेक्टिविटी से जोड़ा जा रहा है, बस्तर नेट का काम चल रहा है. स्काई योजना के तहत मोबाइल फोन का वितरण किया जाएगा. आदिवासी अंचलों में 2003 तक 9 हजार कृषि पम्पों का वितरण किया गया ​था जो अब बढ़कर 56 हजार तक पहुंच गया है. यनि इस में 500 गुना बढ़ोतरी हुई है.

नक्सल मामले पर बोलते हुए नेताम ने कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के हालात अलग है. कहीं कहीं पुलिस से भी आदिवासियों को प्रताड़ित होना पड़ता है, तो कभी नक्सलियों से.