लखनऊ. आईआईटी-कानपुर ने Yogi आदित्यनाथ के कोविड प्रबंधन के मॉडल की सराहना की है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा सोमवार को जारी एक अध्ययन में कहा गया कि निरंतर, संगठित और समन्वित प्रयासों ने सबसे ज्यादा आबादी वाले राज्य में फैले कोरोना को नियंत्रित किया.

प्रो. मनिंद्र अग्रवाल और उनकी टीम द्वारा संचालित यह अध्ययन राज्य सरकार द्वारा 40 लाख से अधिक प्रवासी श्रमिकों के वापस अपने गांव जाने के दौरान(रिवर्स माइग्रेशन) आर्थिक संकट के प्रभाव को कम करने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में है. देखें वीडियो SEX के नाम पर कैसे होता है फ्रॉड साथ ही इन प्रवासी कामगारों को रोजगार मुहैया कराने के लिए Yogi सरकार की तारीफ भी की गई है. रिपोर्ट में कहा गया कि राज्य सरकार ने “प्रवासी श्रमिकों की वापसी के लिए मुफ्त बस सेवाओं और बीमारों के लिए एम्बुलेंस सेवाओं की व्यवस्था की थी.” उन्होंने जोर दिया कि मनरेगा का उपयोग रोजगार सृजन के लिए किया गया और स्थानीय स्वशासी निकायों ने रोजगार कार्ड के लिए श्रमिक डेटाबेस का उपयोग किया था.

जाने क्या कहा योगी ने ?

योगी आदित्यनाथ ने कहा, “बड़ी आबादी, संसाधनों की कमी और श्रमिकों के रिवर्स माइग्रेशन जैसी कई चुनौतियों का सामना करने के बावजूद, उत्तर प्रदेश की महामारी प्रतिक्रिया कई राज्यों और यहां तक कि देशों के लिए एक ‘मॉडल’ के रूप में काम कर रही है.” महामारी के दौरान उनके ‘मार्गदर्शन और समर्थन’ के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा, “अगर प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में स्वास्थ्य और चिकित्सा बुनियादी ढांचे का विस्तार नहीं किया गया होता, तो देश महामारी से लड़ने में सक्षम नहीं होता.”

चिकित्सा संसाधनों की उपलब्धता के मामले में राज्य की प्रगति को रेखांकित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश महामारी के बीच काम करना जारी रखेगा. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश एकमात्र ऐसा राज्य है जिसने एक ही दिन में लोगों को 38 लाख से अधिक टीके लगाए हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा, “कुल मिलाकर, 11.5 करोड़ लोगों के पास टीके का सुरक्षा कवच है. अभी पात्र वयस्क आबादी का टीकाकरण करने के लिए अभियान जारी है.”