कपिल मिश्रा, शिवपुरी। जिले में नए CMHO के पदभार संभालने के बाद लगातार स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराई हुई है। कुपोषित बच्ची की मौत का मामला हो या फिर लाखों रुपए की दवाईयों के भीग जाने का मामला। कई घटनाओं के बाद भी शिवपुरी जिले का स्वास्थ्य विभाग अपनी व्यबस्था सुधारने का नाम नहीं ले रहा है। अब इसमें ताजा मामला डॉक्टरों का जुड़ गया है।

स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से जुड़ा एक ओर मामला शिवपुरी जिले के बैराड़ स्वास्थ्य केंद्र से निकलकर सामने आया है। बैराड़ के सरकारी अस्पताल में पदस्थ चिकित्सक पूरी तरह अपनी मनमानी पर उतारू हैं। अस्पताल में इलाज के लिए आया दो साल का घंटे तक तड़पता रहा, लेकिन उसे देखने के लिए कोई डॉक्टर नहीं था। स्टाफ ताला लगाकर ड्यूटी के समय किसी और काम में मशगूल था।

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मामले में शिवपुरी सीएमएचओ पवन जैन ने कहा कि डॉक्टरों की अनुपस्थिति का मामला उनकी जानकारी में है। उस समय उन्होंने भी फोन लगाया था परन्तु तैनात स्टॉफ ने फोन नहीं उठाया। इसे लेकर अब जांच के आदेश दिये हैं। जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।

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दरअसल ग्राम गिरवानी के कमलेश और रचना अपनी बच्ची को लेकर दोपहर में बैराड़ स्वास्थ्य केंद्र पहुंची। बच्ची के ऊपर चाय गिर गई थी। इससे उसका सिर जल गया था। दंपत्ति पहुंचे तो पूरा अस्पताल सूना पड़ा हुआ था। कर्मचारियों के नाम पर सिर्फ सफाईकर्मी और एक सिस्टर ही वहां पर मौजूद थी। महिला सफाईकर्मी ने बताया कि डॉक्टर साहब खाना खाने गए हैं। दंपति वहीं बैठे रहें लेकिन लंबे समय तक डॉक्टर वहां आए नहीं। लंच का यह समय भी डॉक्टर ने अपनी मर्जी से ही निर्धारित किया हुआ है। चिकित्सक लंच टाइम का बहाना कर पूरा दिन गायब रहत हैं। कोई इमरजेंसी आती है तो फोन पहुंचने पर केंद्र पर आते हैं। आखिर में थक हारकर कमलेश और रचना अपनी बच्ची को लेकर शिवपुरी चले गए।

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पहले भी जारी हो चुका है नोटिस
दंपति के जाने के बाद डॉ. नरेंद्र वर्मा पहुंचे। जब मीडिया ने उनसे बात करना चाही तो उन्होंने किसी भी सवाल का जवाब देने से इंकार कर दिया। यहां के प्रभारी डॉ. हरीश आर्य अपनी कार्यप्रणाली को लेकर विवादों में बने रहते हैं। कुछ दिनों पूर्व ही उन्हें लापरवाही के कारण नोटिस मिल चुका है। इस मामले में भी डॉ. हरीश आर्य को फोन लगाया गया, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।

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