रायपुर. समाजसेवी संस्था हमर संगवारी का पंजीयन रद्द कर दिया गया है. इसके बाद संस्था की समस्त चल-अचल संपत्ति को जब्त करने के लिए कलेक्टर ओपी चौधरी को निर्देशित किया गया है. आय-व्यय के संबंध में जानकारी नहीं देने पर संस्था के खिलाफ वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष वीरेन्द्र पांडेय ने शिकायत की थी. इसके बाद दिए गए नोटिस का निर्धारित समय पर जवाब नहीं देने पर पंजीयक फर्म्स एवं संस्थाएं छत्तीसगढ़ शासन ने संस्था का पंजीयन निरस्त कर दिया.

वीरेन्द्र पांडेय ने 18 मई 2018 को शिकायत की थी कि हमर संगवारी संस्था ने कई मामलों में जनहित याचिका लगाई है, जिसका मामला बिलासपुर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है. इसके लिए सूचना के अधिकार के तहत कई दस्तावेज प्राप्त किए हैं. संस्था महादेव घाट स्थित हनुमान मंदिर वाले में मामले में चर्चा में आई. संस्था ने रजिस्ट्रार एवं फर्म्स सोसायटी रायपुर में लंबे समय से हिसाब प्रस्तुत नहीं किया है.

वास्तव में संस्था ने 2014 से 2018 तक किसी भी प्रकार के आय-व्यय का हिसाब नहीं दिया है. इस संबंध में संस्था को नोटिस भेजकर निर्धारित समय में जवाब मांगा गया. नोटिस के बाद भी संस्था की ओर से किसी भी प्रकार का कोई जवाब नहीं दिया गया. इस आधार को पंजीयक फर्म्स एवं संस्थाएं छत्तीसगढ़ शासन ने संस्था के खिलाफ उपयुक्त माना और कार्रवाई के निर्देश दिए.

हमर संगवारी ने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में कई जनहित याचिकाएं प्रस्तुत की हैं. संस्था ने धनराशि कहां से प्राप्त की इसका कोई हिसाब रजिस्ट्रार को नहीं दिया गया. रजिस्ट्रार को हर साल की वार्षिक आमसभा, पदाधिकारियों के चुनाव खर्च का ब्यौरा और संस्था द्वारा किए कार्य की रिपोर्ट प्रस्तुत करने का नियम है. रजिस्ट्रार के अनुसार इस संस्था ने पिछले सालों में नियमों के विपरीत काम किया.