संतोष तिवारी. जगदलपुर. बस्तर से नक्सलियों के सफाया के लिए अब लेडी कमांडो का पहला दस्ता तैयार हो चुका है. ये लेडी कमांडो अब नक्सलियों से लोहा लेंगी. नक्सली मोर्चा पर ये लेडी कमांडो सर पे काला कफ़न बांधकर लड़ाई के लिए कूच करेंगी. लेडी कमांडो बाकायदा जंगलों में तैनात रहेंगी. हर मुठभेड़ में ये सैन्य महिलाएं अदम्य साहस का परिचय भी देंगी. छत्तीसगढ़ के धुर वनांचल क्षेत्र बीजापुर, सुकमा और कांकेर जैसे जगहों पर ड्यूटी करेंगी.

एक वक्त ऐसा था जब लेडी कमांडो को सिर्फ नागरिक सुरक्षा, पुल-पुलिया और सड़क निर्माण के कामों पर ही तैनाती की जाती थी. मगर अब शासन-प्रशासन को समझ आ गया है कि नक्सलियों से लोहा लेने इन लेडी कमांडो की भूमिका कितना जरूरी है. यही कारण है कि अब नक्सलियों से सीधा मुकाबला के लिए लेडी कमांडो का पहला प्रशिक्षित दस्ता तैयार हो चुका है. प्रथम चरण में दक्षिण बस्तर और उत्तर बस्तर में ये लेडी कमांडो नक्सलियों से सीधे भिड़ेंगी.

आपको बता दें कि इन लेडी कमांडो का अलग-अलग इलाकों में अभी से गश्ती दल के साथ कामकाज शुरू हो चुका है. जिस तरह केंद्रीय सुरक्षाबल के जवान काम करते हैं उसी प्रकार ये लेडी कमांडो भी हर परिस्थति से जूझने शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार हो चुकीं हैं. इस लेडी कमांडो के हर महिला को सैन्य का कड़ा प्रशिक्षण दिया गया है. ये खुद को घने जंगल में आसानी से ढाल सकेंगी. पेड़ों पर आसानी से चढ़ सकती हैं. तैराकी का भी बेहद अच्छा प्रशिक्षण दिया गया है. हर विषम परिस्थिति से निबटने ये लेडी कमांडो तैयार रहेंगी. महिला कमांडो के हाथों में एलएमजी, एके-47, एसएलआर, इंसास और अन्य तमाम खतरनाक हथियारों से लैस रहेंगी.