नई दिल्ली। राज्यों को ओबीसी आरक्षण सूची तैयार करने का अधिकार देने वाले 127वें संविधान संशोधन विधेयक को लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी मंजूरी मिल गई है. अब बिल मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा. उनके हस्ताक्षर के साथ ही यह कानून के तौर पर लागू हो जाएगा.

दरअसल राज्यसभा में बुधवार को ओबीसी आरक्षण बिल पर लंबी बहस हुई. इस बिल पर मत विभाजन कराया गया. कुछ सांसदों ने संशोधन भी पेश किए, लेकिन संशोधन खारिज हो गए. इस तरह वोटिंग के जरिए राज्यसभा में ओबीसी आरक्षण से जुड़ा अहम बिल पारित हो गया. इसके पक्ष में 187 वोट पड़े. लोकसभा से ये बिल 10 अगस्त को पास हो गया था.

इसके तहत देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अपने स्तर पर ओबीसी आरक्षण के लिए जातियों की सूची तय करने और उन्हें कोटा देने का अधिकार होगा. हाल ही में महाराष्ट्र सरकार की ओर से दिए गए मराठा कोटे को सुप्रीम कोर्ट से खारिज किए जाने के बाद केंद्र सरकार यह विधेयक लाई थी.

केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री वीरेंद्र कुमार ने इस बिल का सदन में प्रस्ताव किया और चर्चा की शुरुआत की. उन्होंने कहा कि ये संविधान संशोधन राज्यों को ओबीसी सूची तैयार करने का अधिकार देने के लिए लाया गया है. उन्होंने कहा कि यदि राज्य की सूची को समाप्त कर दिया जाता तो लगभग 631 जातियों को शैक्षणिक संस्थान और नियुक्तियों में आरक्षण का लाभ नहीं मिलता.

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