रायपुर। छत्तीसगढ़ में किसानों, मजदूरों व प्रगतिशील सामाजिक संगठन जैसे 36 संगठनों के समन्वय से बनी छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ व राष्ट्रीय किसान मोर्चा के नेतृत्व में शहीद दिवस 30 जनवरी 2021 दिन शनिवार को किसान साथी महात्मा गाँधी की प्रतिमा के पास, आज़ाद चौक रायपुर में अपनी मांगों को लेकर उपवास करेंगे.

उल्लेखनीय है कि केन्द्र सरकार द्वारा लाये गये तीन काले कानूनों जो कि कारपोरेट हितैषी और कृषि, किसान और उपभोक्ता विरोधी कानून है. इस कानून का विरोध अध्यादेश लाये जाने के समय से ही हो रहा है और अब एक देशव्यापी किसान आंदोलन का स्वरूप ले चुका है. देश भर के 500 से अधिक किसान संगठनों के समन्वय से बनी अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति एवम  संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रीय आह्वान पर देश के किसान इन कानूनों की वापसी की मांग को लेकर लगातार आंदोलनरत है.

किसान महासंघ के नेताओं रूपन चन्द्राकर, वीरेंद्र पांडे, द्वारिका साहू, जनकलाल ठाकुर, शत्रुघन साहू, गौतम बंद्योपाध्याय, गजेंद्र सिंह कोशले, श्रवण चन्द्राकर, वेगेंद्र सोनबेर, डॉ संकेत ठाकुर ने कहा है कि देश का यह किसान आंदोलन दुनिया का अब तक सबसे बड़ा लगातार शांतिपूर्ण ढंग से चलने वाला आन्दोलन बन चुका है. इस आंदोलन को षड्यंत्रपूर्वक बदनाम करने का प्रयास भाजपा व केंद्र सरकार लगातार कर रही है. अब यह स्पष्ट हो चुका है कि 26 जनवरी को ट्रेक्टर मार्च के दौरान हिंसा को फैलाने में व लाल किला में उत्पात मचाने में भाजपा के नेताओ का हाथ रहा है. इसी से बौखलाकर अब किसान नेताओ को गिरफ्तार करने फर्जी मुकदमे दर्ज किये गए हैं.

कल राकेश टिकैत की भावुक अपील के बाद देशभर के किसानों ने एकजुटता का जो प्रदर्शन आज पूरे देश में किया है उससे भाजपा और बौखला गई है और अपने कार्यकर्ताओं से हिंसा को बढ़ावा देकर आंदोलन को कुचलने के प्रयास कर रही है. जबकि देश के किसान और अधिक ताकत से इस आंदोलन में शामिल हो रहे है. बेहतर होता कि केंद्र सरकार अपना अहंकार त्याग कर तीनों काले कानून वापस ले लेती.