पेरिस, फ्रांस। फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स यानि एफएटीएफ ने पाकिस्तान को बड़ा झटका दिया है. एफएटीएफ ने पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय आतंकी फंडिंग करने वाले देशों की निगरानी सूची (ग्रे लिस्ट) में शामिल करने का फैसला किया है.

पूरे विश्व में मनी लॉन्ड्रिंग की निगरानी करने वाले एफएटीएफ की बैठक में चीन, तुर्की और सऊदी अरब ने पाकिस्तान का बचाव करने की बहुत कोशिश की, लेकिन इन देशों की सारी कोशिशें नाकामयाब हो गईं. भारत और अमेरिका के सघन अभियान के सामने इन देशों की एक नहीं चली. आखिर में चीन ने अपना विरोध वापस ले लिया. इससे पहले पाकिस्तान को 2015 तक तीन साल के लिए इस सूची में रखा गया था.

फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की पेरिस की बैठक में ये फैसला लिया गया. एफएटीएफ के इस फैसले के बाद पाकिस्तान को अब जून में आधिकारिक रूप से इस सूची में शामिल कर दिया जाएगा. तीन दिन से पेरिस में चल रही इस बैठक में पाकिस्तान के खिलाफ यह कदम अमेरिकी प्रस्ताव के बाद उठाया गया. चीन ने नामांकन के लिए अपनी आपत्ति वापस ले ली, जिसके बाद इस प्रस्ताव को एफएटीएफ ने 36-1 के अंतर से पारित कर दिया.

बैठक में सिर्फ तुर्की ने पाकिस्तान के पक्ष में मतदान किया, जबकि बाकी सभी देश उसके खिलाफ खड़े हो गए. पाकिस्तान को पहले तीन महीने के लिए इस सूची में डालने का फैसला किया गया है और इसके बाद इसे अगले तीन माह तक और आगे बढ़ाया जाएगा.