चैत्र मास में आने वाली एकादशी को पापमोचनी एकादशी कहा जाता है, जो इस बार 18 मार्च 2023 को है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार पापमोचनी एकादशी के बारे में स्वयं श्रीकृष्ण ने इसके फल एवं प्रभाव को अर्जुन के समक्ष प्रस्तुत किया था, इस एकादशी का व्रत करने से सारे कष्ट तो दूर होते ही हैं, साथ ही सारे पापों का भी नाश होता हैं. जिस प्रकार शिव और विष्णु दोनों आराध्य हैं, उसी प्रकार कृष्ण और शुक्ल दोनों पक्षों का एकादशी उपोष्य है. विशेषता यह है कि पुत्रवान् गृहस्थ शुक्ल एकादशी और वानप्रस्थ तथा तथा विधवा दोनों व्रत करें तो उत्तम होता है. Read More – मैनेजर को याद आए Satish Kaushik के आखिरी लफ्ज, एक्टर ने कहा था ”मैं मरना नहीं चाहता, मुझे बचा लो” …

शुभ मुहूर्त

18 मार्च को प्रात: पूजा संकल्प मुहूर्त 06:13 से 07:43 बजे के बीच स्नान.

सूर्योदय समय- 6.12.46 मिनट, सूर्यास्त समय- 6.11.49.

राहूकाल- दोपहर 01.42 बजे से 03.12 बजे तक.

पापमोचनी एकादशी पारणा मुहूर्त 19 मार्च 2023 को प्रातः 08 बजकर 08 मिनट तक.

दान

ब्राह्मण या पिता तुल्य या शिक्षक को आहार कराएं. बुजूर्ग को आहार दान करें, पीले वस्त्र दान करें, पीले रसीले फल दान करें, बेसन से बनी मिठाई और चने की दाल का दान करें. Read More – शतभिषा नक्षत्र में पहुंचे शनिदेव, तीन राशियों के लिए सबसे ज्यादा लकी, अपनी स्वराशि में विराजमान हैं शनि …

पापमोचनी एकादशी पूजन विधि

  • इस व्रत में भगवान विष्णु के चतुर्भुज रुप की पूजा करते हैं.
  • व्रती को दशमी तिथि को एक बार सात्विक भोजन करें और मन से भोग विलास की भावना को निकालकर भगवान विष्णु की पूजन करें.
  • एकादशी के दिन सूर्योदय होते ही स्नान करके व्रत का संकल्प करना चाहिए संकल्प के उपरांत श्री विष्णु की पूजन करें.
  • पूजन के बाद श्रीमद् भागवात का पाठ करें या सुनें.
  • एकादशी की रात को जागरण से कई गुणा लाभ मिलता हैं.
  • द्वादशी के दिन प्रात:काल स्नान के बाद भगवान विष्णु की पूजा करें और र्ब्राह्मणों को भोजन करवाकर दक्षिणा सहित विदा करें. इसके बाद आहार ग्रहण करें.