नई दिल्ली। केजरीवाल सरकार दिल्ली में सभी लोगों को बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाएं देने और पब्लिक हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने की दिशा में लगातार काम कर रही है. इसी के मद्देनजर केजरीवाल सरकार द्वारका के सेक्टर-9 स्थित इंदिरा गांधी हॉस्पिटल को जल्द ही सीटी स्कैन मशीन की सौगात देने जा रही है. इस मशीन के आ जाने से दक्षिण-पश्चिमी दिल्ली के 22 लाख से भी ज्यादा लोगों को इसका फायदा मिलेगा. लोगों को अस्पताल में आपातकालीन सेवाएं मिल सकेंगी और मरीजों की तत्काल जांच हो सकेगी. यह सभी सुविधाएं एक ही छत के नीचे मिल सकेंगी. उम्मीद है कि टेस्टिंग के बाद अगस्त महीने तक आम जनता को इसका लाभ मिलने लगेगा.

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इंदिरा गांधी अस्पताल में लोगों को मिल सकेंगी इमरजेंसी सेवाएं

 इंदिरा गांधी अस्पताल दिल्ली सरकार का अस्पताल है. इस सरकारी अस्पताल में प्राइवेट मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल की तरह ही सुविधाएं उपलब्ध हैं. दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन का कहना है कि आधुनिक मशीनें दिल्ली सरकार के अस्पतालों की स्वास्थ्य प्रणाली को और मजबूत बनाएंगी. इससे पहले दीनदयाल उपाध्याय और लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल में भी हमने बीमारियों के इलाज के लिए आधुनिक मशीने मुहैया कारवाई हैं और इसके इस्तेमाल पर बल दिया है, ताकि लोगों का इलाज बेहतरीन ढंग से हो सके. उन्होंने बताया कि इस मशीन के इन्स्टॉल होने के बाद जो टेस्ट हजारों रुपये के होते हैं, उन्हें दिल्ली की जनता बिल्कुल मुफ्त में करवा सकेगी. लोगों को विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ जैसे डॉक्टर से परामर्श, जांच और उपचार सबकुछ एक ही दिन में एक ही छत के नीचे मिल सकेगा. हमारी कोशिश है कि दिल्ली सरकार के अस्पतालों में अगर कोई अपना इलाज करवाना चाहता है, तो उसे सबसे बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए. हम दिल्ली के हर आम आदमी को स्पेशल वीआईपी क्वालिटी का ट्रीटमेंट उपलब्ध कराएंगे.

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22 लाख आबादी को मिलेगा सुविधा का लाभ

इंदिरा गांधी हॉस्पिटल के एमडी डॉ बीएल चौधरी ने बताया कि अगस्त माह तक अस्पताल के मरीजों को सीटी स्कैन की सुविधा मिल जाएगी. इसके लिए प्रक्रिया शुरू हो गई है. जल्द ही सीटी स्कैन मशीन का इंस्टॉलेशन होगा. फिर इसका टेस्ट होने के बाद यह मशीन जानता की सेवा में समर्पित की जाएगी. दिल्ली सरकार द्वारा बनाए गए इंदिरा गांधी अस्पताल में मेडिसिन, बाल चिकित्सा, नेत्र विज्ञान, ईएनटी, त्वचा विज्ञान, शल्य चिकित्सा व भौतिक चिकित्सा सहित महिला रोग विशेषज्ञ ओपीडी चालू है. हाल ही में अस्पताल ने यहां इमरजेंसी सेवा भी प्रारम्भ की है. यहां कई स्तर पर स्टाफ की नियुक्ति भी जारी है. ओपीडी में रजिस्ट्रेशन का समय सुबह 8 बजे से 11:30 बजे तक का है. बता दें कि कोरोना की पिछली लहर के दौरान दिल्ली सरकार ने इस अस्पताल की सेवाएं कोरोना मरीजों के लिए शुरू कर दी थी. तब से इस अस्पताल में कोविड 19 मरीजों का इलाज किया जा रहा था और यह अब भी जारी है. दिल्ली सरकार द्वारा यहां पर वैक्सीनेशन की भी सुविधा दी जा रही है.

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इंदिरा गांधी अस्पताल में सिटी स्कैन मशीन का जल्द होगा इन्स्टॉलेशन

वर्तमान में अस्पताल में सीटी स्कैन की सुविधा नहीं होने के कारण  गंभीर रोगों और छोटी-मोटी दुर्घटना में जैसे सिर पर चोट लगने के मामले या अन्य ऐसे मामलों में उसे दूसरे अस्पतालों या निजी लैब में जांच के लिए रेफर किया जाता है. यह जांच दिल्ली आरोग्य कोष के तहत होती है, यानि मरीज को इसके लिए कोई पैसे नहीं देने पड़ते, टेस्ट के खर्च का सारा भुगतान दिल्ली सरकार करती है, लेकिन इस परिस्थिति में रेफर कराने और कहीं और जाकर टेस्ट करने में काफी समय लग जाता है. कई ऐसे मामले होते हैं, जब जांच कराने के लिए पर्याप्त समय नहीं होता. ऐसे में मरीज को पास के अस्पताल में रेफर किया जाता है. ऐसे मामलों के लिए इंदिरा गांधी अस्पताल में शुरू होने वाली सुविधा बहुत ही कारगर साबित होगी. सीटी स्कैन मशीन का लाभ यहां रह रहे करीब 22 लाख लोगों की आबादी को मिलेगा. द्वारका के साथ-साथ पालम, नजफगढ़, उत्तम नगर, जनकपुरी के निवासी भी इसका फायदा उठा पाएंगे.

क्या है सीटी स्कैन मशीन

सीटी स्कैन या कम्प्यूटराइज्ड टोमोग्राफी एक्स-रे का एक रूप होता है, जिसे कम्प्यूटराइज एक्सीयल टोमोग्राफी भी कहा जाता है. यह शरीर के अंगों के चित्र काे दिखाता है. अधिकतर सीटी स्कैन मशीनों का उपयोग शरीर के विभिन्न अंगों से जुड़ी बीमारियों के लक्षणों का पता लगाने के लिए किया जाता है. इसकी मदद से शरीर के विभिन्न हिस्सों के नरम टिशू, रक्त वाहिकाओं और हडि्डयों की जांच की जा सकती है. शरीर के अंदर के कई अंदरूनी भागों जैसे सिर, कंधों, रीढ़ की हडि्डयों, दिल, पेट, घुटना, छाती सहित अन्य अंदरूनी हिस्सों के बारे में सीटी स्कैन मशीन की मदद से जानकारी मिलती है, जिससे डॉक्टर को मरीज की बीमारी को समझने और उसका बेहतर इलाज करने में मदद मिलती है.

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इलाज की सुविधाओं में बढ़ोतरी के साथ स्टाफ की नियुक्ति जारी

बता दें कि साल 1997 में डीडीए ने स्वास्थ्य विभाग को अस्पताल के निर्माण के लिए 15 एकड़ जमीन आवंटित की थी. 2008 में तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने इसका शिलान्यास भी किया था. 24 वर्ष के लंबे इंतजार के बाद आखिरकार मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व मद आम आदमी पार्टी की सरकार आने के बाद इस अस्पताल को बनाने का काम तेजी से शुरू हुआ. अंतत: पिछले साल अस्पताल को जनता की सेवा में समर्पित किया गया. दिल्ली सरकार ने इस अस्पताल में प्राइवेट अस्पतालों से भी बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर और स्वास्थ्य सुविधाएं दी हैं. जहां तक स्टाफ की बात है तो अस्पताल में मेडिकल ऑफिसर्स, स्पेशलिस्ट डॉक्टर, जूनियर रेजिडेंट डॉक्टरों समेत नर्सिंग स्टाफ की नियुक्ति हो चुकी है. इसके अलावा कई सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर भी नियुक्त किए गए हैं. जैसे-जैसे इलाज की सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं, वैसे-वैसे बाकी स्टाफ की भी नियुक्ति की जा रही है.

लोगों को बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाएं देना दिल्ली सरकार का मकसद

स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि केजरीवाल सरकार का उद्देश्य दिल्ली के हर सरकारी अस्पताल को केवल प्राइवेट अस्पतालों से बेहतर बनाना भर नहीं है, बल्कि यहां के सरकारी अस्पतालों को पूरे देश में सबसे बेहतरीन अस्पतालों में से एक बनाना भी है. दिल्ली के नागरिक विश्वस्तरीय सुविधाओं के हकदार हैं और हम इसे हकीकत में बदल रहे हैं. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निर्देशों का पालन करते हुए दिल्ली के सभी नए अस्पतालों को पूरी तरह से वातानुकूलित बनाया गया है. इसके अलावा मौजूदा अस्पतालों में जरूरी बदलाव करके उन्हें भी वातानुकूलित बनाया जा रहा है. केजरीवाल सरकार दिल्ली के सभी लोगों को बेहतरीन और समान स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के सिद्धांत पर काम कर रही है.