शेख आलम, धरमजयगढ़। जंगली हाथियों के उत्पात से त्रस्त हैं सीलिंग पारा निवासी, 50 परिवार वाला यह मोहल्ला नगरपंचायत अंतर्गत आता है । जहां दर्जनों हाथियों का दल गांव के किनारे खेत में आ धमके हैं। ऐसे में लोग अंधेरे में डर-डर के जीवन जीने को मजबूर हैं मोहल्ले में बिजली तक नहीं है। लोग आग जलाकर रतजगा करने को बेबस हैं। बड़ी विडम्बना है कि वार्ड के इस मोहल्ले में अब तक किसी जनप्रतिनिधि की नजर नहीं पड़ी।
मामला नगर पंचायत धरमजयगढ़ से महज 4 किलो मीटर दूर जंगल से घिरे सीलिंग पारा का है जहां हाथियों का उत्पात बदस्तूर जारी है सीलिंग पारा वार्ड नं.10 के अंतर्गत आता है। नगरीय क्षेत्र होने के बावजूद यहां की स्थिति दयनीय है।
यहां 25 परिवार निवासरत है सभी मौजूदा हाथियों की दहशत से ख़ौफ़जदा है। बड़ी विडम्बना है की यहाँ बिजली तक नहीं है और न ही वन विभाग के तरफ से हाँथी से बचाव हेतु टार्च व् पटाखा की व्वस्था की गई है ।
दो दिनों से हाथी क्षेत्र में डेरा जमाए हुए है । भारी मात्रा में फसलों को नुकसान पहुंचा रहे है। ऐसे में मोहल्ले वासी खुद इकट्ठे होकर हल्ला करके हाथियों को दूर खदेड़ने में रोज जान की बाजी लगाते रहते है। वन विभाग की उदासीनता का कहीं भारी खामियाजा क्षेत्र के बाशिंदों को भुगतना न पड़ जाए ।