दिल्ली. सुरक्षा एजेंसी वैसे तो पिछले साल पुणे के कोरेगांव-भीमा मे हुई हिंसा की जांच कर रही थी लेकिन इस जांच के दौरान उनके हाथ ऐसे सबूत लगे जिससे सुरक्षा एजेंसियों के माथे पर पसीना आ गया. दरअसल, एजेंसियों को जांच में पता चला कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मारने का प्लान बनाया जा रहा है. जिसके बाद देश के कई राज्यों में ताबड़तोड़ छापेमारी कर कई संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया. माना जा रहा है कि इनसे कई चौंकाने वाले खुलासे होंगे.

पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के हाथ पुख्ता सबूत लगे हैं कि माओवादी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या करने के लिए बेहद सुनियोजित तरीके से काम कर रहे हैं. इसके बाद करीब आधा दर्जन राज्यों में इन माओवादियों के दर्जनों ठिकानों पर सुरक्षा एजेंसियों ने छापेमारी की. जिनमें प्रमुख नाम है माओवादी समर्थक औऱ लेखक पी. वारावारा राव, जिनको एजेंसियों ने हैदराबाद स्थित उनके घर से गिरफ्तार किया. पुलिस ने उनके घर से कई ऐसे दस्तावेज बरामद किए जिससे खुलासा हुआ कि प्रधानमंत्री की हत्या की फूलप्रूफ प्लानिंग बनाई जा रही है.

खास बात ये है कि प्रधानमंत्री की हत्या की योजना पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या की तरह ही किसी जनसभा में किए जाने की योजना बनाई जा रही थी. इतना ही नहीं इस योजना को अंजाम देने के लिए हथियारों के जखीरे के साथ-साथ करीब आठ करोड़ रुपये की व्यवस्था करने की भी बात कही गई है. छापेमारी में छत्तीसगढ़ के ट्रेड यूनियन कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज भी शामिल हैं. उनके साथ साथ दिल्ली के गौतम नवलखा, मुंबई के वेरन गोंजालवेज औऱ अरुण फरेरा, हैदराबाद के वारवारा राव शामिल हैं. जिसमें सुधा भारद्वाज औऱ वारवारा राव को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. माना जा रहा है इनसे कई अहम जानकारियां मिल सकती हैं. वैसे प्रधानमंत्री की हत्या की योजना का प्लान सार्वजनिक होते ही अब सुरक्षा एजेंसियां और भी चौकन्नी हो गई हैं.