रायपुर। असम चुनाव के नतीजों के पहले राज्य में सियासत गर्मा गई है. मामला बोडो पीपुल्स फ्रंट के उम्मीदवारों को छत्तीसगढ़ लाए जाने की खबरों से जुड़ा है. कांग्रेस के भीतरखाने के सूत्रों के हवाले से यह खबर सामने आई कि बीपीएफ के दस प्रत्याशियों को रायपुर के एक निजी रिसार्ट में ठहराया गया है. कांग्रेस को इस बात का डर है कि जैसी तस्वीर कर्नाटक और बाद में मध्यप्रदेश में देखने को मिली, वैसी तस्वीर असम में देखने को ना मिले, लिहाजा कांग्रेस ने असम में सहयोगी पार्टी के प्रत्याशियों को सुरक्षित ठिकानों पर रखना शुरू कर दिया है. खबरों के मुताबिक जयपुर में 25 प्रत्याशी और रायपुर में 10 प्रत्याशियों को लाया गया है.

इस खबर के सामने आने के बाद से ही बीजेपी कांग्रेस पर हमलावर हो गई है. बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री डाॅक्टर रमन सिंह ने कहा कि, छत्तीसगढ़ कांग्रेस का एटीएम बन गया है. उन्होंने कांग्रेस के इस रवैये पर सवाल उठाते हुए कहा कि शंका की कोई बीमारी नहीं है.अपने पराजय से अभी से भयभीत हो गए हैं. लोगों को इकठ्ठे कर रहे हैं. पार्टी के भीतर यह भरोसा होना चाहिए कि हमारे साथ है, तो हमारे साथ ही रहेंगे. उन्होंने कहा कि असम में बीजेपी गठबंधन जीत रही है. कांग्रेस अपने उम्मीदवारों को छत्तीसगढ़ ले जाए, राजस्थान ले जाए, आप अपने उम्मीदवारों को संभालकर रखे. मगर बीजेपी को किसी की जरूरत नहीं पड़ेगी, पूर्ण बहुमत के साथ हमारी सरकार बनेगी.

इधर रमन सिंह के बयानों पर पलटवार करते हुए सरकार के मंत्री टी एस सिंहदेव ने कहा कि लगता है कि रमन सिंह कर्नाटक,मध्यप्रदेश में हुआ, शायद यह भूल गए. यह बात जरूर है कि आजकल की राजनीति में ऐसा घटनाक्रम होने लगा है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है.आजकल की राजनीति में कभी कोई किसी को तोड़ता है, तो कभी कोई दूसरा किसी और को तोड़ता है. कहीं प्रलोभन की बात सामने आती है. जब इन सबका प्रमाण होगा, तब पता चलेगा. सिंहदेव ने कहा कि ऐसी चर्चाएं आती हैं, तो कोई नहीं कह सकता कि हमारा दामन साफ है. क्योंकि आज हर दल के ऊपर यह बात आ रही है.

जब मध्यप्रदेश सरकार को गिराने की बात आ रही थी, तब लोगों को कहां-कहां ले जाया गया. जब कर्नाटक, गोवा में सरकार गिराने की स्थिति थी, तब भी ऐसी स्थिति सामने आई थी. यही हाल था. राजस्थान में भी जमकर कोशिश की गई. आज छत्तीसगढ़ के संदर्भ में यह कहा जा रहा है. टी एस सिंहदेव ने कहा, असम में चुनाव के नतीजे अभी सामने नहीं आ रहे हैं, लेकिन यह बात जरूर सामने आ रही है कि अपने-अपने दल के विधायकों को सुरक्षित कर लिया जाएगा. पहले यह केवल पंचायत स्तर के चुनावों में देखने को मिलता था. नगरीय निकायों के चुनाव में देखने को मिलता था, लेकिन अब यह बीमारी ऊपर के चुनावों में भी देखने को मिल सकता है. ऐसा एक आदमी करेगा, औऱ दूसरा नहीं करेगा, तो परेशानी हो सकती है.

read more- Aggressiveness towards Hacking: Indian Organizations under Chinese Cyber Attack

स्पोर्ट्स की ये खबरें जरूर पढ़ें

मनोरंजन की ये खबरें जरूर पढ़ें