शिखिल ब्यौहार,भोपाल। स्वतंत्रता दिवस पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि हजारों लोगों की त्याग, तपस्या और बलिदान के बाद स्वतंत्रता मिली. लेकिन तब सत्ता की बागडोर संभालने वालों ने विभाजन स्वीकार किया. जिससे भारत बट गया और एक बड़ा हिस्सा हमारे पास नहीं रहा. अब इस सियासत शुरू हो गई है. बीजेपी और कांग्रेस ने एक-दूसरे पर आरोप लगाया है.

कांग्रेस का आरोप

वीर, शहीदों और बलिदानियों पर सियासी पारा चढ़ गया है. मुख्यमंत्री शिवराज के बयान पर कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता मिथुन अहिरवार ने कहा कि वीर शहीदों पर राजनीति करना बीजेपी की आदत है. चुनावी साल में बीजेपी को वीर शहीद याद आ रहे. वीर शहीदों के नाम पर लोगों को सरकार गुमराह कर रही है. आरएसएस का इतिहास सब जानते हैं. आजादी में आरएसएस की उपलब्धि बताएं. वीर, बलिदानी और शहीदों के सम्मान ही कांग्रेस का इतिहास है.

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बीजेपी का पलटवार

कांग्रेस के आरोपों पर बीजेपी ने पलटवार किया है. भाजपा प्रदेश प्रवक्ता दुर्गेश केसवानी का कहना है कि कांग्रेसी शासन काल में वीर, बलिदानी और शहीदों को सम्मान नहीं मिला. इतिहास को बदलने का काम भी कांग्रेस सरकार में हुआ. अमर शहीदों के सम्मान में बीजेपी ने काम किया है.

‘आजादी का महापर्व’: CM शिवराज बोले- त्याग, तपस्या और बलिदान के बाद मिली स्वतंत्रता, लेकिन सत्ता की बागडोर संभालने वालों ने विभाजन स्वीकार किया

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि स्वतंत्रता सजह नहीं मिली है. हजारों लोगों की त्याग, तपस्या और बलिदान के बाद मिली है, लेकिन एक तकलीफ होती है. तब सत्ता की बागडोर संभालने वालों ने विभाजन स्वीकार किया. भारत बट गया और एक बड़ा हिस्सा हमारे पास नहीं रहा. लेकिन एक बड़ी धारा थी क्रांतिकारियों की. जिन्हें भूला दिया गया. हम भूल गए मंडल पांडे को, नाना साहब पेशवा, तात्या टोपे, बहादूर शाह जफर, महारानी लक्ष्मी बाई, खुदीराम बोस, उधम सिंह, सूखदेव, भगत सिंह, नेता जी को भूल गए.

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