शिखिल ब्यौहार,भोपाल। स्वतंत्रता दिवस की संध्या पर भोपाल के रवींद्र भवन में आयोजित ‘आजादी का महापर्व’ कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज ने शिरकत की. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने संबोधन में कहा कि स्वतंत्रता सजह नहीं मिली है. हजारों लोगों की त्याग, तपस्या और बलिदान के बाद मिली है, लेकिन एक तकलीफ होती है. तब सत्ता की बागडोर संभालने वालों ने विभाजन स्वीकार किया.

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भारत बट गया और एक बड़ा हिस्सा हमारे पास नहीं रहा. लेकिन एक बड़ी धारा थी क्रांतिकारियों की. जिन्हें भूला दिया गया. हम भूल गए मंडल पांडे को, नाना साहब पेशवा, तात्या टोपे, बहादूर शाह जफर, महारानी लक्ष्मी बाई, खुदीराम बोस, उधम सिंह, सूखदेव, भगत सिंह, नेता जी को भूल गए.

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मध्यप्रदेश में टंट्या मामा समेत कई लोग शहीद हुए. सबकुछ निछावर किया. पीएम मोदी के नेत्तृव में जिन्होंने अपना सर्वस्व निछावर किया. नेता जी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा दिल्ली में कर्तव्य पथ पर लगी है. यदि यह स्मारक हम बनाते हैं, तो हम वीरता की पूजा करते हैं. यदि वीरता की पूजा नहीं की गई, तो वीरता बांझ हो जाएगी. आखिर कौन फिर तोपों पर अपनी छाती लगाएगा.

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