रायपुर. दिल्ली से रायपुर के मेयर प्रमोद दुबे को बुलावा आया है. प्रमोद दुबे दिल्ली गए या नहीं. पता नहीं. लेकिन चर्चाओं का बाज़ार गर्म हो गया. सुबह से कांग्रेस गलियारे में इस बात की चर्चा थी कि प्रमोद दुबे दक्षिण से लड़ाए जाएंगे. इस बीच सीईसी की बैठक के बाद प्रमोद दुबे को दिल्ली बुलाने की ख़बर मीडिया में छा गई.

प्रमोद दुबे को दक्षिण से लड़ाने की मांग वहां के कांग्रेस पदाधिकारी लगातार करते आए हैं लेकिन प्रमोद दुबे ने तैयारी के लिए कम वक्त का हवाला देकर दक्षिण से लड़ने की संभावना को साफतौर से खारिज कर दिया था. उन्होंने अपना दावा रायपुर उत्तर से ठोंका था. पिछले चुनाव में उनका दावा रायपुर पश्चिम से था.

अगर प्रमोद दुबे दक्षिण से लड़ते हैं. तो रायपुर की चार सीटों में से तीन उम्मीदवार ब्राह्मण हो जाएंगे. माना जा  रहा है कि पश्चिम और ग्रामीण से विकास उपाध्याय और  सत्यनारायण शर्मा पहले से ही दो ब्राह्मण उम्मीदवार हैं.

अगर चार सीटों में से तीन ब्राह्रण कदम किसी पार्टी ने उतारा तो इस बात की प्रबल संभावना है कि बीजेपी और दूसरी विरोधी पार्टियां कांग्रेस पर जातिवादी राजनीति करने का आरोप लगाएंगी और बाकी जातियों को कांग्रेस के खिलाफ लामबंद करें. क्या कांग्रेस ये खतरा मोल लेने की स्थिति में है. कांग्रेस की राजनीति को जानने वालों का मानना है कि कांग्रेस ऐसा आत्मघाती कदम नहीं उठाएगी.  जो पार्टी सभी सीटों पर जातिगत समीकरणों का काफी ख्याल कर रही है. वो ऐसा कदम उठाएगी तो न सिर्फ रायपुर बल्कि आसपास कई सीटों पर इसका विपरीत असर पड़ सकता है.

एक स्थिति ये हो सकती है कि रायपुर के दो ब्राह्मण उम्मीदवार में से एक की टिकट काट दी जाए. दो ब्राह्मण उम्मीदवारों में से विकास उपाध्याय ही ऐसे उम्मीदवार हैं. जिनकी टिकट पर खतरा हो सकता है. विकास उपाध्याय की टिकट ब्लॉक कमेटियों ने दिया था तो उस पर बाकी दावेदारों ने आपत्ति जाहिर की थी. लिहाज़ा विकास उपाध्याय का नाम सिंगल न भेजकर डॉ भगवती साहू के साथ भेजा गया था. बाद में पैनल में स्क्रीनिंग कमेटी ने अपनी ओर से कुछ नाम जोड़े थे.

चर्चा है कि रायपुर दक्षिण औऱ पश्चिम की सीट होल्ड पर रखी गई है. इस पर खुलासा प्रमोद दुबे के आने के बाद होगा. जबकि ग्रामीण से सत्यनारायण शर्मा और उत्तर से कुलदीप जुनेजा की टिकट फाइनल है. हालांकि बैठक में क्या हुआ. इसकी जानकारी सिर्फ प्रभारी पीएल पुनिया ही देंगे.