चंडीगढ़। गेहूं पर बोनस देने और 10 जून से धान की रोपाई करने की मांग को लेकर पंजाब के 23 किसान यूनियन आज से हल्ला बोलेंगे. अपनी मांगों को लेकर वे अनिश्चितकालीन पक्का मोर्चा शुरू करने जा रहे हैं. आज किसान संगठन चंडीगढ़ की ओर कूच करेंगे. बता दें कि सरकार ने धान की रोपाई की तारीख 18 जून से तय कर रखी है, लेकिन किसान इस बात पर अड़े हुए हैं कि इसकी तारीख 10 जून की जाए. सोमवार को संयुक्त किसान मोर्चा में शामिल किसान संगठनों ने ऑनलाइन बैठक करके मोर्चे की तैयारी की समीक्षा की. इस मोर्चे के दौरान भारी संख्या में किसान ट्रैक्टर-ट्रॉली लेकर चंडीगढ़ पहुंचेंगे, जिसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. ऑनलाइन बैठक में किसान नेता डॉ दर्शनपाल, जगजीत सिंह ढलेवाल, सुरजीत फुल, हरिंदर सिंह लखोवाल, सुखजिंदर सिंह खोसा, गुरिंदर सिंह भंगु, सुखदेव सिंह भोजराज, हरपाल सिंह संघा, सुखपाल सिंह, सुखजीत सिंह समेत अन्य नेता शामिल हुए.

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पंजाब सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप

किसान संगठनों के कार्यकर्ता मोहाली में गुरुद्वारा अम्ब साहिब में इकट्ठा होंगे और अनिश्चितकालीन धरना शुरू करने के लिए चंडीगढ़ के लिए रवाना होंगे. संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि यह विरोध-प्रदर्शन दिल्ली में साल भर चले आंदोलन की तर्ज पर शुरू किया जा रहा है. बता दें कि इससे पहले किसानों की पंजाब सरकार से साथ अपनी मांगों को लेकर हुई चर्चा असफल हो चुकी है. किसान संगठनों का कहना है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान ने न तो अब तक गन्ने का बकाया दिया, न बोनस देने के वादे को पूरा किया, न तो चिप वाले मीटर न लगाने की किसानों की मांग पर फैसला लिया, न मूंग की एमएसपी पर खरीद का वादा पूरा किया. वहीं बासमती के दाम और खरीद का नोटिफिकेशन भी जारी नहीं किया गया है.

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गेहूं की फसल पर बोनस देने की मांग

गौरतलब है कि किसान संघ सूखे अनाज के कारण उपज के नुकसान की भरपाई के लिए गेहूं की फसल पर 500 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से बोनस देने की मांग कर रहे हैं. उन्होंने जोन सिस्टम को भंग करने की भी मांग की है. किसानों की मांग है कि हॉर्स पावर की हर यूनिट के लिए 4700 रुपए के वर्तमान लोड शुल्क में 1200 रुपए की कटौती की जाए और ओवरलोड फीडर सिस्टम को कम किया जाए. किसानों की इसे लेकर 10 मई को बिजली मंत्री हरभजन सिंह के साथ बैठक भी हुई थी.

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पंजाब सरकार पर किसान संगठनों ने लगाए आरोप

एक तरफ पंजाब सरकार ने किसानों से चरणबद्ध धान की रोपाई का आग्रह किया है और राज्य को 4 क्षेत्रों में विभाजित किया है. इसके तहत 18 से 26 जून तक धान की रोपाई का कार्यक्रम तय किया गया है. वहीं किसान नेताओं ने पंजाब सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है और कहा है कि राज्य सरकार किसानों के हितों की रक्षा करने में असफल साबित हुई है. किसान संगठनों के नेताओं ने कहा कि बीबीएमबी के मुद्दे पर 25 मार्च को केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया था, लेकिन पंजाब सरकार इस मामले पर कोई कार्रवाई अब तक नहीं कर सकी है. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने डैम सेफ्टी बिल पारित करके भाखड़ा डैम का पूरा प्रबंध पंजाब से छीन लिया है, फिर भी पंजाब सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठे है.

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