चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बुधवार को चावल की सीधी सीडिंग (डीएसआर) पोर्टल की शुरूआत की, ताकि किसानों को इस तकनीक के साथ बुआई के लिए अपनी सहमति देने की सुविधा मिल सके. इस किसान हितैषी पहल की सराहना करते हुए सीएम भगवंत मान ने कहा कि यह प्रत्येक किसान के बारे में संपूर्ण डेटा संकलित करने में सहायक होगा, जिन्होंने इस पोर्टल के माध्यम से वास्तविक लाभार्थियों को निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से उचित सत्यापन के बाद 1,500 रुपए प्रति एकड़ का भुगतान करने के अलावा डीएसआर तकनीक का विकल्प चुना है.
सीधे किसानों के बैंक खातों में आएगी प्रोत्साहन राशि
अतिरिक्त मुख्य सचिव कृषि ने मुख्यमंत्री भगवंत मान को पोर्टल के तौर-तरीकों से अवगत कराते हुए कहा कि उचित सत्यापन के बाद प्रोत्साहन राशि सीधे संबंधित किसानों के बैंक खातों में स्थानांतरित कर दी जाएगी. इस तकनीक को अपनाने से कम से कम 15-20 फीसदी पानी की बचत होगी. इसके अलावा, यह पानी के प्रभावी रिसाव में मदद करेगा, अंतत: उचित रिचार्जिंग के माध्यम से भूजल स्तर में सुधार करेगा. इस तकनीक से श्रम लागत में लगभग 4,000 रुपये प्रति एकड़ की कमी आएगी.
30 लाख एकड़ का लक्ष्य
राज्य सरकार ने किसानों को उचित तकनीकी मार्गदर्शन देने के साथ-साथ इस उन्नत तकनीक के तहत बोए गए क्षेत्र का सत्यापन करने के लिए डीएसआर संचालन की निगरानी के लिए विभिन्न विभागों के 3,000 अधिकारियों को पहले ही तैनात कर दिया है. राज्यभर के किसानों से इस खरीफ सीजन के दौरान 30 लाख हेक्टेयर (75 लाख एकड़) क्षेत्र में बासमती सहित धान की खेती करने की उम्मीद है. उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, पिछले वर्ष डीएसआर के माध्यम से 15 लाख एकड़ (छह लाख हेक्टेयर) क्षेत्र में धान बोया गया था और इस सीजन में राज्य सरकार ने नई तकनीक के तहत 30 लाख एकड़ का लक्ष्य निर्धारित किया है.
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