कांकेर. राज्य सरकार ने पानी की कमी का हवाला देते हुए इस बार ग्रीष्मकालीन धान लगाने पर रोक लगा दी है. सरकारी फैसले से नाराज जिले भर के किसानों ने शुक्रवार को चक्काजाम कर दिया. नेशनल हाइवे पर किसानों ने धरना दिया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. अपनी 12 सूत्रीय मांगों को लेकर किसानों ने प्रदर्शन किया. चक्काजाम की सूचना पर एसडीएम भारती चंद्राकर और तहसीलदार टीपी साहू मौके पर पहुंचे. प्रशासन के आश्वासन के बाद किसानों ने चक्काजाम समाप्त कर दिया.
किसान नेता देवाराम साहू का कहना है कि इस साल सूखे के कारण किसानों की फसल बर्बाद हो गई है. उसके बाद भी सरकार ने ग्रीष्मकालीन धान लगाने पर रोक लगा रखी है. किसानों को अब तक धान बीज उपलब्ध नहीं कराया गया है. सूखे की वजह से किसान आर्थिक तंगी से बेहाल हैं. रबी फसल नहीं लगाने से किसानों पर कर्ज बढ़ेगा. इसके बाद के परिणाम क्या होंगे, सबको पता है. देवाराम ने आगे कहा कि छोटे-बड़े तालाबों में पानी भरा हुआ है, उसके बाद भी किसानों के नाम पर सरकार को पानी की कमी का रोना आने लगता है. जल संसाधन विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक भू-जल स्तर पिछले साल के बराबर है, प्रशासन मनगढ़ंत रिपोर्ट तैयार कर किसानों को परेशान कर रही है.
वहीं, एसडीएम भारती चंद्राकर ने कहा कि किसानों की मांग शासन स्तर की है, उसे सरकार के पास भेज देंगे। रबी फसल के लिए अनुमति लेकर किसान फसल लगा सकते है। किसानों की कुछ मांगे कृषि विभाग से जुड़ी हुई हैं, इसे कृषि विभाग के पास भेज दी जायेगी। एसडीएम ने किसानों के बिजली कनेक्शन काटे जाने के सरकारी आदेश को खारिज करते हुए कहा कि हमें इस तरह का कोई निर्देश नहीं मिला है। किसानों ने शनिवार से खेतों में रबी धान की फसल लगाने की बात कही है।