सुप्रिया पांडे. छत्तीसगढ़ सरकार ने 100% क्षमता के साथ स्कूलों की संचालन की अनुमति तो दी हैं, लेकिन रायपुर के विवेकानंद नगर में एक ऐसा शासकीय स्कूल हैं जहां बच्चों की भीड़ काफी ज्यादा नजर आ रही है, यहां एक कमरे में 40 बच्चों को बिठाने की क्षमता है, लेकिन इससे उलट यहां 90 से 100 बच्चे नजर आ रहे हैं.

शासकीय स्कूल के शिक्षक कहते है कि स्कूल का भवन छोटा है और बच्चों की संख्या ज्यादा है, इस संबंध में उन्होंने शासन को पत्र लिखा है उम्मीद है कि जल्द नए भवन का निर्माण हो जाएगा, वहीं स्कूल में बच्चों की इतनी भीड़ है कि कभी भी कोरोना विस्फोट हो सकता है, स्कूल में अधिकतर बच्चों ने मास्क नहीं लगाया है, बच्चों से पूछे जाने पर वे कहते हैं कि घर से मास्क नहीं लाए या भूल गए और काफी बच्चों ने तो सैनेटाइजर भी नहीं रखा है, इतना ही नहीं स्कूल प्रबंधन की ओर से भी बच्चों के मास्क सैनेटाइजर की कोई व्यवस्था नहीं की गई है, ऐसे में बड़ा सवाल यही है कि ओमिक्रोन के खतरे के बीच काफी लापरवाही से बच्चे स्कूल पहुंच रहे हैं.

शिक्षिका संगीता पंडेल ने कहा कि शासन की तरफ से पूरी व्यवस्था की जा रही है, स्कूल में 947 बच्चे पढ़ते हैं, बहुत जल्द भवन की व्यवस्था भी हो जाएगी ऐसा आश्वासन हैं, अगले सत्र तक भवन का निर्माण हो जाएगा.

शिक्षक अब्दुल आसिफ ने कहा कि छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा संख्या हमारे ही स्कूल की है,  समस्या ही काफी है उसका हाल भी है इसलिए अनवरत प्रयास कर रहे हैं अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से चर्चा जारी है, जल्दी ही समस्या सुलझ जाएगी, बच्चे कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं सारी चीजें व्यवस्थित है.