प्रतीक चौहान. रायपुर. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सरकार में आते ही गौधन न्याय योजना शुरू की. जिसके तहत सरकार ने 2 रुपए किलो में गोबर की खरीदी शुरू की. विपक्ष भले उनकी इस योजना को लेकर आलोचना करें, लेकिन हकीकत ये है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार की इस योजना से प्रभावित होकर राजधानी के एक किसान ने ‘गौ काष्ठ’ बनाना शुरू किया है और इस होली में वे छत्तीसगढ़ में पहली बार होलिका दहन में कमर्शियल रूप से इसको बेचने जा रहे है.

 हालांकि इससे पहले आदि काल से गोबर के कंडो से होलिका दहन होती थी, लेकिन वे बारों महीने लोगों के घरों में इस्तेमाल के लिए तैयार किया जाता था, लेकिन उक्त किसान ने पहली बार इसे केवल होलिका दहन में बिक्री के लिए तैयार किया है.

किसान हितेश टांक ने लल्लूराम डॉट कॉम से बातचीत में बताया कि धरमपुरा स्थित फार्म में वे इसे तैयार कर रहे है. सबसे अच्छी बात ये है कि नाम के अनुरुप इसमें सिर्फ गौवंशों के गोबर का ही इस्तेमाल होता है. इसके लिए वे अपने खेत में मौजूद करीब 20 गायों के अलावा गौशाला से गोबर की खरीदी करते है और उसके बाद वे अपने खेत में ही इसे तैयार करते है.

राजधानी रायपुर में इसकी अच्छी डिमांड हो गई है और कई सोसायटी से उन्हें सोशल मीडिया के माध्यम से हुए प्रचार के बाद ऑर्डर आए है. वे कहते है कि इसे जलाने के बाद किसी प्रकार का कोई प्रदूषण नहीं होता है और जंगलों की कटाई भी काफी हद तक कम होगी. हालांकि गौ काष्ठ की बिक्री के ऑर्डर को देखते हुए वे इसे 12 महीने बनाने की तैयारी कर रहे है, जिससे इसे  मुक्तिधामों में सप्लाई किए जाने की तैयारी है.

देखें वीडियो कैसे तैयार होता है गौ काष्ठ