सुप्रिया पांडेय, रायपुर। आचार्य महाश्रमण खम्हारडीह में विश्राम कर रहे हैं, जहां उनकी एक झलक पाने के लिए श्रद्धालुओं को लंबी कतारें लगी हुई है. वहीं छत्तीसगढ़ ग्रामोद्योग बोर्ड के अध्यक्ष राजेन्द्र तिवारी ने भी आचार्य महाश्रमण से मुलाकात की और अपने अनुभव साझा किए.

छत्तीसगढ़ ग्रामोद्योग बोर्ड के अध्यक्ष राजेंद्र तिवारी ने कहा कि आचार्य के श्री चरणों से छत्तीसगढ़ धन्य हुआ है. सद्भावना, नैतिकता और नशामुक्ति की भावना को लेकर आचार्य पदयात्रा कर रहे हैं. आचार्य के सुझाए हुए रास्ते पर हम चलने का प्रयास करेंगे तो हमारे साथ पूरा समाज सुधर जाएगा. नैतिकता का पालन करना जीवन में सर्वाधिक आवश्यक है. हम तो राजनीति में है हमारे लिए इसे स्वीकार करना बहुत कठिन है. सद्भावना की भी आवश्यकता है, क्योंकि बिना सद्भावना के राष्ट्र और समाज का उत्थान नहीं होगा. नशामुक्ति को लेकर राजेन्द्र तिवारी ने कहा कि नशामुक्ति को कुछ लोगों ने अपनाया भी है.

मर्यादा महोत्सव समिति के सदस्य मोतीलाल वैद्य ने कहा कि आचार्य महाश्रमण जी अहिंसा यात्रा कर रहे हैं. नैतिकता, नशा मुक्ति और सद्भावना का संदेश लेकर वे लगातार यात्राएं कर रहे है। कुछ लोगों ने इसे अपनाया भी है. मर्यादा महोत्सव समिति के सचिव सुशील गड़िया ने कहा सबसे बड़ा संदेश सद्भावना, नशा मुक्ति और नैतिकता है. यदि व्यक्ति अपने जीवन में इसे ग्रहण कर ले, तो उसका जीवन सुधर जाएगा। जीवन सुधरने के साथ-साथ परिवार, समाज और राष्ट्र भी सुधरेगा.

मर्यादा महोत्सव समिति के अध्यक्ष महेन्द्र धाड़ीवाल ने कहा कि आचार्य महाश्रमण ने मानव जाति को संदेश दिया है. नशा मुक्ति सौहाद्र पूर्ण वातावरण, आपस में भाईचारा, प्रेम इसी के साथ वे अहिंसा यात्रा कर रहे हैं. आज उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा है कि हम सभी को अपने सद्भावना रखना चाहिए, आपस का भाईचारा रखना चाहिए. तेरापंथ धर्म संघ के आचार्य इन तीन मूल उद्देश्यों को लेकर 7 वर्षों से चल रहे है. लाखों लोग उसका अनुकरण कर रहे हैं व आचार्य की बातों से प्रभावित होकर कई लोग नशा व व्यसन से मुक्त हुए है.