नई दिल्ली. संसद के मानसून सत्र के दूसरे दिन राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. मंगलवार को विपक्ष द्वारा जीएसटी दर वृद्धि (GST rate hike), अग्निपथ योजना और अन्य मुद्दों पर चर्चा की मांग को लेकर जमकर हंगामा हुआ. इसके बाद सदन में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और अन्य विपक्षी सदस्यों ने ‘अगिनपथ’, सशस्त्र बलों के लिए नई भर्ती योजना, जीएसटी दरों में वृद्धि, मूल्य वृद्धि के अलावा अन्य मुद्दों पर चर्चा करने के लिए नियम 267 के तहत व्यावसायिक नोटिस को निलंबित कर दिया था, जिसे खारिज कर दिया गया था.

जैसे ही सदस्यों ने इसके लिए दबाव बनाना जारी रखा, सभापति एम. वेंकैया नायडू ने सदन की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी. उच्च सदन में सोमवार को भी मुद्दों पर चर्चा की मांग को लेकर विपक्ष द्वारा किए गए जोरदार हंगामे के कारण कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई थी. नायडू ने अपने कार्यकाल के अंतिम सत्र की अध्यक्षता करते हुए कहा कि उनके कार्यकाल के पिछले 13 सत्रों के दौरान सदन की 57 प्रतिशत बैठकें या तो पूरी तरह से या आंशिक रूप से बाधित रहीं.

लोकसभा की भी कार्यवाही स्थगित

वहीं लोकसभा में भी जीएसटी और महंगाई को लेकर विपक्षी दलों ने जमकर हंगामा किया. सुबह 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, डीएमके, समाजवादी पार्टी, एनसीपी और लेफ्ट सहित अन्य पार्टियों ने जीएसटी और महंगाई का मुद्दा उठाना शुरू किया. स्पीकर द्वारा प्रश्नकाल शुरू कर देने के बाद विपक्षी दलों के सांसद जीएसटी और महंगाई को लेकर बनाए गए तख्तियों को लेकर सदन के वेल में आ गए और नारेबाजी करने लगे. नारेबाजी करते हुए विपक्षी सांसद स्पीकर के आसन के समक्ष पहुंच गए.

विपक्षी दलों के हंगामे के बीच लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रश्नकाल चलाने की कोशिश की. उन्होंने सदन में तख्तियां लहराने और हंगामा कर रहे सांसदों को फटकार लगाते हुए कहा कि नियम 349 के सदन के अंदर तख्तियां लेकर आना उचित नहीं है और सदन के अंदर सभी को मर्यादा का पालन करना चाहिए. बिरला ने आगे सांसदों से अपील करते हुए कहा कि सांसदों ने किसानों के समर्थन मूल्य को लेकर महत्वपूर्ण प्रश्न लगाए हैं, इसलिए सदन चलने देना चाहिए.

फटकार के बाद भी जारी रहा हंगामा

हंगामा लगातार जारी रहने पर नाराजगी जाहिर करते हुए बिरला ने आगे कहा कि पिछले सत्र में भी उन्होंने महंगाई पर चर्चा को मंजूरी दी थी लेकिन सदन के बाहर किसानों और महंगाई की बात करने वाले आप लोग (विपक्षी सांसद) सदन में इस पर चर्चा ही नहीं करना चाहते, जो गलत है. लोकसभा अध्यक्ष की अपील, फटकार और नाराजगी जाहिर करने के बाद भी सदन में हंगामा जारी रहा जिसे देखते हुए बिरला ने सदन की कार्यवाही को दोपहर बाद 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया.

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