हेमंत शर्मा,इंदौर। रामचरितमानस पर अपने बयान को लेकर चर्चा में आए समाजवादी पार्टी (सपा) नेता स्वामी प्रसाद मौर्य घिरते जा रहे हैं. मध्य प्रदेश के इंदौर में राजपूत करणी सेना भारत और अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा ने स्वामी प्रसाद मौर्य का पुतला दहन किया है. उन पर कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने कहा कि भगवान राम पर टिप्पणी करने वालों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. पुतला दहन की शुरुआत इंदौर से की है. पूरे राष्ट्र में पुतला दहन का सिलसिला जारी रहेगा.

दरअसल राजपूत करणी सेना भारत और अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में इंदौर के रीगल चौराहे पर पहुंचे. समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य का पुतला दहन किया. राजपूतों ने समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव से मांग की है कि वे पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य को पार्टी से निष्कासित करे. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी स्वामी प्रसाद मौर्य पर एफआईआर कर गिरफ्तारी की मांग की है.

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करणी सेना के पदाधिकारियों ने बताया कि आज तक किसी ने रामचरित्रमानस पर किसी प्रकार की टिप्पणी नहीं की, लेकिन जिस प्रकार से स्वामी प्रसाद मौर्य ने हमारे धार्मिक ग्रंथ रामचरित्र मानस को बैन करने की बात कही, जो पुस्तक हजारों वर्ष पहले से लिखी गई है. उस पुस्तक पर बयानबाजी करना गलत है. भगवान राम पर टिप्पणी करने वालों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. पुतला दहन की शुरुआत इंदौर से की है. पूरे राष्ट्र में पुतला दहन का सिलसिला जारी रहेगा.

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क्या टिप्पणी की थी ?

पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा था कि ”धर्म का वास्तविक अर्थ मानवता के कल्याण और उसकी मजबूती से है. अगर रामचरितमानस की किन्हीं पंक्तियों के कारण समाज के एक वर्ग का जाति, वर्ण और वर्ग के आधार पर अपमान होता हो, तो यह निश्चित रूप से धर्म नहीं, बल्कि अधर्म है.” उन्होंने आरोप लगाया था कि ”रामचरितमानस में कुछ पंक्तियों में कुछ जातियों का नाम लिया गया है. इससे इन जातियों के लाखों लोगों की भावनाएं आहत हो रही हैं.” मौर्य ने मांग की थी, ”रामचरितमानस के आपत्तिजनक अंश, जो जाति, वर्ण और वर्ग के आधार पर समुदायों का अपमान करते हैं, उन पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए.”

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