रायपुर. राज्य सभा में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने आज राजधानी के कांग्रेस मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस ली. गुलाम नबी ने राफेल डील पर जमकर निशाना साधा. साथ ही पीएम मोदी पर भी खूब बरसे. गुलाम नबी आज़ाद ने कहा कि संसद में मोदी मुंह नहीं खोलते और बाहर मुंह बंद नहीं करते. मोदी सदन में सालभर में केवल एक बार बोलते हैं. गुलाम नबी ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि 4 साल में मोदी ने एक भी सवाल का जवाब नही दिया. चार साल में वे राज्यसभा में केवल 4 बार बोले हैं.

इमरजेंसी नहीं लगी है लेकिन इमरजेंसी के सारे प्रावधान लागू- गुलाम नबी

उन्होंने आगे कहा कि क्या छपेगा क्या नही छपेगा, ये केंद्र सरकार तय कर रही है. इमरजेंसी नहीं लगी है लेकिन इमरजेंसी के सारे प्रावधान लागू हैं.   आज दिल्ली में कोई प्रेस कॉन्फ्रेंस होती है तो छपती नही है. इसलिए कई प्रेस कांफ्रेंस होती है. जब हम सत्ता में थे तो विपक्ष की हर बात छपती थी. हमने कभी मीडिया सेंसरशिप की कल्पना नही की है. आज मीडिया का गला घोंटा जा रहा है. आपका एडिटर, आपका मालिक सुरक्षित नहीं है. अगर मालिक कुछ छापेगा या दिखाएगा तो ईडी, सीबीआई और इंकम टैक्स उनके पीछे लगा दिया जाएगा.

उन्होंने आगे कहा कि 526 करोड़ में राफेल की डील हमने की थी. मेक इन इंडिया की बात हमने 2012 में की. हमारी सरकार ने जहाज़ खरीदने के साथ टेक्नोलॉजी ट्रांसफर का करार किया. प्रधानमंत्री के 15 में फ़्रांस जाने से 2 दिन पहले विदेश सचिव ने कहा था कि पीएम के दौरे में राफेल पर चर्चा नही होगी. लेकिन दो दिन के बाद पता चला कि एनडीए 1670 करोड़ में जहाज़ खरीद रही है.

राफेल डील सरकार ने नहीं बल्कि प्रधानमंत्री ने की है. आज़ाद ने पीएम मोदी से पूछा कि आपने देश के साथ धोखा क्यों किया. बीजेपी वाले चिल्लाते ज़्यादा थे तो जहाज़ क्यों कम खरीदे. 526 करोड़ में 1670 में क्यों खरीदा. एक जहाज़ में 1100 करोड़ और पूरे डील में 41000 करोड़ कौन खा गया.

पीएम बताएं पैसे किसने खाए- गुलाम नबी आज़ाद

बिना टेंडर के ये डील कैसे कर लिया. कैबिनेट कमिटी ऑन सिक्योरिटी को बाईपास किया. कैबिनेट से पूछे बगैर पुराना नया करार किया. बाद में इनसे सिग्नेचर कराया. 126 की बजाय 36 ही क्यों किया. क्या प्रधानमंत्री ने इस डील में पैसे खाये. ये सवाल पूछने पर गुलाम नबी ने कहा कि पीएम बताए कि पैसे किसने खाए, क्योंकि डील उन्होंने की है.