पी. रंजन दास, बीजापुर। खरीफ की परम्परागत खेती के साथ-साथ बीजापुर के किसान अब मिर्च की खेती कर मालामाल हो रहे हैं. सीमावर्ती तेलंगाना राज्य में मिर्च की खेती बहुतायत होती है, जिससे प्रभावित होकर अब यहां के किसानों ने भी मिर्च की खेती की तरफ अपना रुख किया है.

ग्राम चंदूर के किसान पूर्व में लगभग 80-85 एकड़ में वर्षा आधारित मूंग की खेती किया करते थे, जिसकी वजह से उनका फसल उत्पादन और रकबा हर वर्ष प्रभावित होता था. ऐसे में जिला प्रशासन के प्रयास से डीएमएफ मद से सामूहिक खेती के लिए 35 किसानों के लगभग 85 एकड़ खेत की मिर्च की खेती के लिए फेंसिंग की गई. कृषकों को डीएमएफ मद के जरिए समूह में सिंचाई के लिए बोरवेल, पंप, ड्रिप लाइन व मल्चिंग की सुविधा दी गई है.

पहले मूंग की खेती करने पर कृषकों को प्रति एकड़ लागत लगभग 5 से 6 हजार रुपए आती थी, जिस पर उन्हें 20 से 25 हजार रुपए आमदनी मिला करती थी. वर्तमान में मिर्च की खेती के जरिए कृषकों को प्रति एकड़ लागत 30 से 40 हजार रुपए के खर्च पर लगभग 1 लाख 25 हजार तक आय हुई. पिछले वर्ष की सफलता से सभी किसान उत्साहित हैं, और इस बार भी उत्साह के साथ मिर्च की खेती की तैयारी कर रहे हैं. इसके साथ-साथ पड़ोसी ग्रामों के किसान भी मिर्च की खेती करने के लिए उत्साहित हुए हैं.

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