मुंबई. कॉल टर्मिनेशन चार्ज को खत्‍म किए जाने को लेकर ट्राई की समीक्षा में हो रही देरी के बीच अरबपति मुकेश अंबानी की टेलीकॉम कंपनी रिलायंस जियो ने बुधवार को अपने उपभोक्‍ताओं से वॉयस कॉल के लिए 6 पैसा प्रति मिनट की दर से शुल्‍क लेने की घोषणा की है. जियो नेटवर्क से अन्‍य नेटवर्क पर किए जाने वाले कॉल के लिए यह शुल्‍क लागू होगा. जियो ने कहा है कि वह वॉयस कॉल शुल्‍क की भरपाई उतने ही कीमत का मुफ्त डाटा देकर करेगी.

जियो ने अपने एक बयान में कहा है कि वह अब अन्य कंपनियों के नेटवर्क पर कॉल के लिए छह पैसे प्रति मिनट का शुल्क लेगी, इसकी भरपाई मुफ्त डाटा देकर की जाएगी. जियो यूजर्स द्वारा अन्‍य जियो फोन और लैंडलाइन पर किए जाने वाले कॉल पर यह शुल्‍क लागू नहीं होगा. इसी प्रकार व्‍हाट्सएप, फेस टाइम और अन्‍य ऐसे प्‍लेटफॉर्म के जरिये किए जाने वाले कॉल पर भी यह शुल्‍क लागू नहीं होगा. सभी नेटवर्क से आने वाले इनकमिंग कॉल पहले की तरह ही मुफ्त बने रहेंगे.

टेलीकॉम नियामक ट्राई ने 2017 में इंटरकनेक्‍ट यूसेज चार्ज (आईयूसी) को 14 पैसे से घटाकर 6 पैसा प्रति मिनट कर दिया था और कहा था कि यह शुल्‍क जनवरी 2020 तक पूरी तरह से खत्‍म कर दिया जाएगा. लेकिन अब ट्राई ने परामर्श पत्र जारी कर प्रतिभागियों से यह पूछा है कि क्‍या इस समय सीमा को आगे बढ़ाने की जरूरत है.

जियो ग्राहकों को खरीदना होगा वाउचर

IUC टॉपअप वाउचर अमाउंट (रुपए में) IUC मिनट (नॉन जियो मोबाइल) फ्री डाटा (जीबी में)
10 124 1
20 249 2
50 656 5
100 1362 10

 

अभी तक जियो नेटवर्क पर वॉयस कॉल फ्री थी इस वजह से जियो को अपनी प्रतिस्‍पर्धी कंपनियों जैसे भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया को 13,500 करोड़ रुपए का भुगतान करना पड़ा है. ट्राई के इस कदम से होने वाले नुकसान से बचने के लिए जियो ने अन्‍य नेटवर्क पर किए जाने वाले प्रत्‍येक कॉल के लिए 6 पैसा प्रति मिनट की दर से शुल्‍क वसूलने का निर्णय लिया है.

बुधवार से जियो उपभोक्‍ताओं द्वारा किए जाने वाले सभी रिचार्ज पर अन्‍य मोबाइल नेटवर्क पर किए जाने वाले कॉल के लिए 6 पैसा प्रति मिनट की दर से शुल्‍क देय होगा और यह शुल्‍क तब तक जारी रहेगा जब तक ट्राई आईयूसी शुल्‍क को खत्‍म नहीं कर देता.

जियो ने कहा है कि वह उपभोक्‍ता द्वारा उपयोग किए गए आईयूसी टॉप-अप वाउचर की कीमत के बराबर का अतिरक्ति डाटा मुफ्त में उपलब्‍ध कराकर इसकी भरपाई करेगी. जियो ने कहा कि पिछले तीन सालों में उसने अन्‍य मोबाइल ऑपरेटर्स जैसे एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया को लगभग 13,500 करोड़ रुपए का आईयूसी शुल्‍क के रूप में भुगतान किया है.