जयपुर। राइट टू हेल्थ के खिलाफ डॉक्टर्स का आंदोलन अब कमजोर पड़ गया है। संपूर्ण कार्य बहिष्कार का ऐलान कर चुके रेजिडेंट डॉक्टर्स ने बीती देर रात तक सरकार से बातचीत के बाद काम पर लौटने का निर्णय लिया है।

जयपुर एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स (जार्ड) समेत अलग-अलग मेडिकल कॉलेजों के रेजिडेंट डॉक्टर्स अध्यक्ष, महासचिवों और प्रतिनिधियों ने सरकार के साथ लिखित समझौता किया है। जिसके अनुसार रेजिडेंट डॉक्टर्स 30 मार्च को सुबह 9 बजे से अस्पतालों में सेवाएं संभालेंगे।

बता दें कि राजस्थान सरकार की ओर से प्रिंसिपल सेक्रेटरी मेडिकल एजुकेशन डिपार्टमेंट टी. रविकांत और विभिन्न मेडिकल कॉलेजों के रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष समेत महासचिवों ने समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं।

इन बिंदुओं पर बनी सहमति

  • सीनियर रेजिडेंट के पदों पर नियुक्त हुए सीनियर रेजिडेंट को वर्तमान वेतन में डी.ए. के साथ एचआरए देने वित्त विभाग को तुरन्त प्रस्ताव भेजा जाएगा।
  • प्रवेश वर्ष 2020 और उसके बाद प्रवेश वाले रेजिडेंट्स के लिए बॉन्ड पॉलिसी के अन्तर्गत सीनियर रेजिडेन्ट अलॉटमेंट प्रक्रिया की प्रभावी नीति बनाने के लिए रेजिडेंट एसोसिएशन के पदाधिकारी को शामिल किया जाएगा और उसके बाद ही नियुक्ति प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जाएगा।
  • रेजिडेंट डॉक्टर्स को पूर्व में दिए जा रहे एचआरए में बढ़ोतरी करने के लिए वित्त विभाग को तुरन्त प्रस्ताव भेजा जाएगा।
  • रेजीडेन्ट डॉक्टर्स, सीनियर रेजिडेंट्स, डीएनबी रेजिडेंट्स के कार्य बहिष्कार की अवधि को डे ऑफ या राजकीय अवकाश में समायोजित किया जाएगा और वेतन की कटौती न की जाए।
  • सभी राजस्थान राज्य के रेजीडेन्ट डॉक्टर्स कार्य बहिष्कार तत्काल प्रभाव से समाप्त कर 30 मार्च 2023 को सुबह 9 बजे काम पर लौटेंगे।

सरकारी रेजिडेंट डॉक्टर्स की हड़ताल से वापसी के बाद अब ऐसी कयास लगाई जा रही है कि अब प्राइवेट डॉक्टर्स एसोसिएशन और प्राइवेट अस्पताल भी सरकार के साथ वार्ता के लिए आगे आ सकते हैं। दरअसल सरकार ने पहले ही सख्ती की चेतावनी दे दी थी। जिन अस्पतालों ने सरकार से रियायती दरों पर जमीन ली हैं, उन पर अब सरकार एक्शन भी कर सकती है। बता दें कि सीएम गहलोत और चिकित्सा व स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने पहले ही साफ कह दिया है कि यह बिल लागू होकर रहेगा।

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