संदीप शर्मा, विदिशा। पीडब्ल्यूडी कार्यालय परिसर में आरटीआई एक्टिविस्ट और पत्रकार रंजीत सोनी की हत्या कर दी थी। आरोपियों ने उनके कनपटी पर पिस्टल रखकर उसे मौत के घाट उतार दिया था। मौके पर सिविल लाइन पुलिस ने अपनी कार्रवाई की। वहीं एसपी भी रात में ही पीडब्ल्यूडी कार्यालय और जिला अस्पताल पहुंचे थे। देर रात डीआईजी भी घटना की गंभीरता को देखते हुए विदिशा में कई घंटे रुके और पड़ताल की।

इस पूरे घटनाक्रम को लेकर आज विधायक शशांक भार्गव और कांग्रेस के पदाधिकारियों ने चुनाव आचार संहिता लगे होने के बावजूद कलेक्ट्रेट में एसपी कार्यालय पहुंचकर ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में हत्याकांड का खुलासा जल्द करने उत्तरप्रदेश की तर्ज पर भाड़े के आरोपियों द्वारा हत्या करने की भी बात कही है। विधायक ने इस पूरे घटनाक्रम में सीसीटीवी फुटेज की उपयोगिता पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि सीसीटीवी लगाने के साथ उनका रखरखाव भी किया जाना चाहिए। उन्होंने पीड़ित परिवार के सदस्य को नौकरी दिलाने और 50 लाख का मुआवजा दिलाने की भी मांग की है। एसपी को ज्ञापन सौंपते समय विधायक शशांक भार्गव ने अपने कार्यालय में पिछले साल हुए हमले का भी जिक्र करते हुए इस घटनाक्रम को राजनीतिक रंग दे दिया है।

उन्होंने रंजीत सोनी की हत्या के पीछे भाजपा के नेता और अधिकारी कर्मचारियों के साथ ठेकेदारों की मिलीभगत होने का भी आरोप लगाया है। उन्होंने भाजपा पर चुनाव के दौरान दहशत फैलाने के चलते इस हत्या को अंजाम देने की बात कही। वहीं उन्होंने यह भी बताया कि आरटीआई एक्टिविस्ट रंजीत सोनी कुछ बड़ा खुलासा भ्रष्टाचार के खिलाफ करने वाले थे। उसी को देखते हुए यह हत्या की गई है। उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर भी गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जिस प्रकार से व्यापमं घोटाले के दौरान उन्होंने स्लो पाइजन देकर लोगों की हत्या की है। उसी प्रकार से यहां बड़े खुलासे को बचाने के लिए यह हत्याकांड को अंजाम दिया गया होगा।

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