Saffron Farming: क्या आप भी खेती के जरिए करोड़पति बनना चाहते हैं, क्या आप भी इस तरह से कोई लाभदायक खेती की योजना बना रहे हैं, जिससे आप अमीर बन सकें, तो यह खबर आपके लिए है. केसर की खेती आपको करोड़पति बना सकती है. केसर की खेती मुख्य रूप से जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में की जाती है. क्योंकि केसर की खेती के लिए कम तापमान की आवश्यकता होती है. लेकिन आजकल तकनीकों की मदद से केसर की खेती गर्म इलाकों में भी की जा रही है.

भारत मसालों के लिए जाना जाता है. यहां कई तरह के मसाले उगाये जाते हैं. जिसकी विदेशों में भी डिमांड है. लेकिन आज हम जिस मसाले की बात कर रहे हैं उसे धरती का सोना कहा जाता है. जो सभी मसालों में सबसे महंगा मसाला है. जिसकी कीमत भी सोने जैसी है. हम बात कर रहे हैं केसर की खेती की. इसकी सबसे अच्छी किस्म की कीमत 5 लाख रुपये प्रति किलो तक होती है.

दरअसल, केसर की खेती मुख्य रूप से जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में की जाती है. क्योंकि केसर की खेती के लिए कम तापमान की आवश्यकता होती है. लेकिन आजकल तकनीकों की मदद से केसर की खेती गर्म इलाकों में भी की जा रही है. महाराष्ट्र के कई किसान भी केसर की खेती कर अच्छी आमदनी कमा रहे हैं.

दुनिया का सबसे महंगा मसाला

दुनिया के इस सबसे महंगे मसाले की खेती आप घर पर भी कर सकते हैं. केसर की खेती केवल कुछ स्थानों और कुछ निश्चित वातावरणों में ही की जाती है. इसलिए इसकी कीमत इतनी ज्यादा है. कश्मीर के बडगाम में पाया जाने वाला केसर सर्वोत्तम माना जाता है. इसलिए इसकी कीमत 5 लाख रुपये प्रति किलो तक है.

आप घर पर केसर की खेती कैसे कर सकते हैं?

आप घर के सिर्फ एक कमरे में भी केसर की खेती कर सकते हैं. इसके लिए कमरे के तापमान को उसी तरह नियंत्रित करना होगा जैसे कश्मीर के केसर खेती वाले क्षेत्रों और हिमाचल प्रदेश के बडगाम में किया जाता है. तकनीक की मदद से तापमान को नियंत्रित किया जा सकता है.

जिस कमरे में आप केसर उगाना चाहते हैं, वहां आपको एरोपोनिक तकनीक का इस्तेमाल करके ढांचा तैयार करना होगा. जहां हवा की भी उचित व्यवस्था करनी होगी.

तापमान कितना होना चाहिए?

केसर की खेती के लिए दिन के समय कमरे का तापमान 17 डिग्री सेल्सियस रखना जरूरी है. रात में तापमान 10 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए. इसके साथ ही आपको कमरे की नमी पर भी विशेष ध्यान देना होगा.

इन बातों का रखें खास ख्याल

  • कमरे की आर्द्रता 80-90 डिग्री होनी चाहिए.
  • एरोपोनिक संरचना के निर्माण के बाद आपको मिट्टी को भुरभुरा बनाना होगा.
  • मिट्टी रेतीली, चिकनी या दोमट होनी चाहिए.
  • मिट्टी डालते समय इस बात का विशेष ध्यान रखें कि पानी जमा न हो.
  • जलभराव के कारण पौधे खराब हो जाते हैं.
  • केसर की खेती के लिए केवल हल्की सिंचाई की आवश्यकता होती है.
  • केसर की अच्छी पैदावार के लिए मिट्टी में फास्फोरस, पोटाश नाइट्रोजन, गोबर की खाद का प्रयोग करें.