वेंकटेश द्विवेदी,सतना। मध्यप्रदेश के सतना जिले के उचेहरा तहसील के अतरवेदिया गांव के 11 किसान पिछले 4 दिन से हाईटेंशन लाइन के टावर में चढ़े हुए है. पावर ग्रिड ट्रांसीमासन से मुआवजे की अपनी मांगों को लेकर ग्रामीण किसानों ने मजबूत इरादों के साथ टावर पर मचान बनाकर चढ़े जमे हुए हैं. यही वजह है कि सोमवार को आई तेज अंधी तूफान भी उन्हें हिला नहीं सकी. 37 दिन से किसान टावर के नीचे अनशन पर है.

अतरवेदिया गांव में हाईटेंशन लाइन के टावर पर 11 किसान मुआवजे की मांग को लेकर पिछले 4 दिन से मचान बनाकर चढ़े हुए है. बाकी किसान टावर के नीचे टेंट लगाकर विरोध जता रहे है. सोमवार को जिला प्रशासन की तरफ से उचेहरा एसडीएम हेमकरण धुर्वे और तहसीलदार अजय राज सिंह ने एक बार फिर ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन अबकी बार ग्रामीणों ने मुआवजे की रकम मिलने के बाद ही धरना प्रदर्शन खत्म करने की बात कही है. तेज आंधी तूफान के बीच डटे रहे.

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37 दिन से जहां किसान टावर के नीचे अनशन पर है. वही मांगे न माने जाने पर पिछले 4 दिन से किसान टावर पर चढ़े हुए है. किसानों की मांग है कि नियम व गाइडलाइन के मुताबिक 12 लाख प्रति टावर और 3 हजार प्रति रनिग मीटर तार के हिसाब से मुआवजा दिया जाए.

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पूर्व में किसानों ने कलेक्टर न्यायालय किसान रामनाथ कोल ने दावा किया था दावे के मुताबिक नवम्बर 2021 में आदेश भी हुआ था और उचेहरा एसडीएम को एक माह के अंदर आदेश का पालन कराने के निर्देश दिए थे. लेकिन जब माँगे पूरी नहीं हुई तो किसानों ने अनशन का रास्ता अखितयार कर लिया. अनशन भी ऐसा जो जोखिम भरा है. इस बीच एक बड़ा सवाल ये भी है कि सारे नियम कायदों को ताक में रखकर पावर ग्रिड मांगे न पूरी करने पर अड़ा है.

ये हैं इनकी मांगें

  • पावर ग्रिड टावर ट्रांसमिशन में 11 किसान टावर में चढ़े हुये है. इनकी 6 सूत्रीय माँगे है.
  • प्रमुख दो मांगे है कि प्रति टावर का 12 लाख और 3 हजार रनिग फीट के हिसाब से मुआवजा दिया जाए.
  • पूर्व में सतना कलेक्टर द्वारा जारी किए गये मुआवजे के आदेश का पालन किए जाने की मांग.
  • जल निगम बोर्ड द्वारा किसानों के खेतों से डाली गई पाइप लाइन को बगैर मुआवजा दिए न डाला जाए.

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