नई दिल्ली। देश की सर्वोच्च न्यायालय पिछले छह दिनों से तीन तलाक के मुद्दे पर सुनवाई कर रही है. आज सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की सलाह को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड स्वीकार किया है और कहा कि वह जल्द ही सभी काजी को यह सलाह जारी करेगा कि वे निकाहनामा में यह शामिल किया जाएगा कि दूल्हा और दुल्हन एक बार में तीन तलाक नहीं ले सकेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम बोर्ड ने एक सप्ताह में शपथपत्र देने को कहा है.

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट में इस मसले को लेकर चल रही सुनवाई में कल सुप्रीम कोर्ट ने सलाह दी थी कि क्या निकाहनामे में इस शर्त को शामिल किया जा सकता है कि तीन तलाक से एक पक्ष दूसरे को तलाक नहीं देगा. दरअसल, भारत की दूसरी सबसे बड़ी आबादी मुसलमानों की है और यह समस्या मुस्लिम महिलाओं से जुड़ी है. कोर्ट ने इसे मुस्लिम समुदाय में शादी तोड़ने का सबसे खराब तरीका बताया था.

इससे पूर्व मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की ओर से कपिल सिब्बल ने कहा कि तीन तलाक 1400 साल पुरानी प्रथा है और यह स्वीकार की गई है. यह मामला आस्था से जुडा है, जो 1400 साल से चल रहा है तो ये गैर-इस्लामिक कैसे है.